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दिल्ली एनसीआर में खतरनाक स्तर पर पहुंचे प्रदूषण की कैबिनेट सचिव रोजाना करेंगे निगरानी

दिल्ली और आसपास के शहरों में प्रदूषण की खतरनाक स्थिति को देखते हुए कैबिनेट सचिव राजीव गौबा रोजाना इस...
दिल्ली एनसीआर में खतरनाक स्तर पर पहुंचे प्रदूषण की कैबिनेट सचिव रोजाना करेंगे निगरानी

दिल्ली और आसपास के शहरों में प्रदूषण की खतरनाक स्थिति को देखते हुए कैबिनेट सचिव राजीव गौबा रोजाना इस मामले की निगरानी करेंगे। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा की अध्यक्षता हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव और कैबिनेट सचिव ने वायु प्रदूषण को लेकर आज शाम बैठक बुलाई थी। दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का ग्राफ 600 के पार निकलने और हेल्थ इमर्जेंसी की घोषित होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय भी सक्रिय हो गया है। इससे पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरवाल ने इस मुद्दे पर राजनीति न करने की बात करते हुए पराली जलाने की समस्या का समाधान निकालने पर जोर दिया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी केंद्र सरकार से इस समस्या पर कदम उठाने को कहा है।

राज्यों के मुख्य सचिव नजर रखेंगे

एक सरकारी बयान के अनुसार मिश्रा ने दिल्ली एनसीआर के अलावा उत्तर भारत के अन्य राज्यों में प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा की। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में इन राज्यों के मुख्य सचिवों से विभिन्न जिलों में प्रदूषण की स्थिति पर लगातार नजर रखने को कहा गया है। कैबिनेट सचिव रोजाना इस मामले की निगरानी करेंगे।

दिल्ली में प्रदूषण और खतरनाक

दिल्ली और आसपास के शहरों में रविवार की सुबह प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया। कई स्थानों पर वायु प्रदूषण सीवियर प्लस के स्तर को भी पार कर गया। अधिकारियो ने दिल्ली में पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी घोषित कर दी है और दिल्ली तथा नोएडा में स्कूल 5 नवंबर तक के लिए बंद कर दिए हैं। प्रदूषित वायु के कारण विजिबिलिटी और घटने के कारण दिल्ली हवाई अड्डे पर 37 फ्लाइटों को डायवर्ट करना पड़ा।

प्रदूषण के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिएः केजरीवाल

इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर राजनीतिक नहीं करनी चाहिए। सभी को बैठकर प्रदूषण और पराली जलाने की समस्या का समाधान खोजना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया और सभी उपायों को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया। ट्विटर के जरिये केजरीवाल ने पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा पर प्रदूषण के लिए तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर असहनीय हो गया है। दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए हैं। दिल्ली ने कई तरह के नुकसान उठाए हैं। उसे बिना किसी गलती के परेशानी झेलनी पड़ रही है।

केंद्र सरकार की सुस्ती पर सवाल

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आरोप-प्रत्योरोप नहीं कर रही है लेकिन पराली जलाने की समस्या सुलझनी चाहिए। किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए कृषि अवशेष के प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार की सुस्ती पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में 63,000 मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। वहां के 27 लाख किसानों को ये मशीनें उपलब्ध कराने में और कितना वक्त लगेगा।

नागरिक ऑड-ईवन का पालन करें

केजरीवाल ने सोमवार से शुरू हो रहे ऑड-ईवन का पालन करने के लिए जनता से भी अपील की। लोगों को इसके नियम के अनुसार अपनी कारों का इस्तेमाल करना चाहिए। ऑड-ईवन व्यवस्था 15 नवंबर तक लागू रहेगी।

केंद्र को पहल करनी चाहिएः गहलोत

इस बीच, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दिल्ली सरकार अकेले बढ़ते प्रदूषण पर अंकुश नहीं लगा पाएगी। केंद्र सरकार को इसमें पहल करनी चाहिए। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि दिल्ली और राजस्थान सहित सभी पड़ोसी राज्यों में बढ़ता प्रदूषण गंभीर चिंता का विषय है। आम लोग खसाकर बच्चे और बुजुर्ग व्यक्ति इससे बीमार हो रहे हैं।

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