एनआईटी के बाहरी छात्रों के एक समूह ने संस्थान के हालात पर चर्चा करने के लिए उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह और शिक्षा मंत्री नईम अख्तर के साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों से कल रात मुलाकात की। आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया, एनआईटी को कश्मीर से बाहर स्थानांतरित करने की मांग को मानव संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों ने सिरे से खारिज कर दिया। यह छात्रों को बता दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रिायों और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने हालांकि उनकी वास्तविक मांगों जैसे परिसर के अंदर बेहतर सुविधाएं देने और शैक्षिक माहौल को सुधारने पर विचार करने का आश्वासन दिया है। सू़त्रों ने कहा, एनआईटीयों के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स 11 अप्रैल को बैठक कर रहा है जहां इन सभी मुद्दों पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मंत्रिायों ने छात्रों से कहा कि एनआईटी में सुरक्षा कभी भी एक मुद्दा नहीं रहा है लेकिन राज्य सरकार सुनिश्चित करेगी कि इस मोर्चे की चिंताओं पर भी विचार किया जाए। सूत्रों ने कहा, मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि संस्थान के छात्रा यहां तब आए जब आतंकवाद चरम था और कभी भी किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। इस बीच, एनआईटी के एक अधिकारी ने कहा कि बैठक एक सकारात्मक घटनाक्रम है क्योंकि परिसर के अंदर की स्थिति में सुधार हो रहा है।
एनआईटी श्रीनगर के कुलसचिव फयाज अहमद मीर ने पीटीआई भाषा से कहा कि हालात शांत है लेकिन बाहरी छात्रा अब भी प्रदर्शन करते प्रतीत होते हैं। मीर ने कहा कि आज सुबह परिसर में कोई प्रदर्शन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि छात्र अपने छात्रावास में हैं क्योंकि शनिवार और रविवार को छुट्टी रहती है। कुलसचिव ने कहा कि गैर स्थानीय और स्थानीय छात्रों के बीच टकराव नहीं होना एक सकारात्मक संकेत है। कोई समूह टकराव नहीं हुआ है और यह एक सकारात्मक संकेत है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने कुछ जख्मी छात्रों से संपर्क किया था जो केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक घर जाना चाहते हैं और उनके लिए इंतजाम कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाकी के जो छात्र जाना चाहते हैं वे अपना विवरण दाखिल कर सकते हैं ताकि जरूरी कार्रवाई की जा सके।
बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष एमजे जाराबी ने छात्रों से परिसर में सामान्य स्थिति बाहल करने में मदद करने तथा संस्थान को और उचांइयों पर ले जाने में मदद करने की अपील की है। जाराबी ने छात्रों से अपनी अपील में कहा, इस संस्थान में हाल के घटनाक्रम से मैं बहुत व्यथित हूं। एनआईटी श्रीनगर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष होने के तौर पर मेरा सपना और वास्तव में मेरी कोशिश भी यह देखना रहेगी कि संस्थान अपने मानको में सुधार करे, कम से कम कुछ क्षेत्रों में यह श्रेष्ठ बने तथा अपनी रेंटिग और सुधारे। उन्होंने कहा कि कश्मीर को संतों के वास के तौर पर जाना जाता है और उनका ख्वाब है कि एनआईटी श्रीनगर ऐसे संस्थान के तौर पर उभरे जो विभिन्न क्षेत्रों और विश्वासों के लोगों के बीच सौहार्द का एक उदाहरण पेश करे।