निर्भया गैंगरेप मामले में सोमवार को फांसी की सजा के खिलाफ दाखिल दोषी मुकेश की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी। लेकिन कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई 12 दिसंबर तक के लिए टाल दिया है। यह सुनवाई खुली अदालत में होगी। मुकेश ने कोर्ट से गत 5 मई के फैसले पर पुनर्विचार करने की गुहार लगाई है, जिसमें उसे फांसी की सजा दी गई थी।
<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"><p lang="en" dir="ltr">Review plea of Nirbhaya gang-rape & murder convict: Supreme Court defers the case to 12 December.</p>— ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/930017984902344704?ref_src=twsrc%5Etfw">November 13, 2017</a></blockquote>
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मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच करेगी, जिसमें सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस आर बानुमति, जस्टिस अशोक भूषण होंगे। मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है, जिसमें उसने फांसी की सजा पर फिर से विचार करने की गुहार लगाई है।
बता दें कि 5 मई को दिल्ली ही नहीं बल्कि देश को हिला देने वाले 16 दिसंबर 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले में चार दोषियों (मुकेश, पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर और विनय शर्मा) की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखा था। फैसले के दौरान निर्भया के माता-पिता भी कोर्ट में मौजूद थे।
फांसी की सजा रद्द किए जाने की मांग
चार में से एक दोषी मुकेश ने वकील एमएल शर्मा के जरिए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर फांसी की सजा रद्द किए जाने की मांग की है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक मुकेश घटना की रात बस को चला रहा था जिसमें छात्रा के साथ हैवानियत हुई थी। उसने भी छात्रा से दुष्कर्म किया था। लेकिन पुनर्विचार याचिका में मुकेश ने कहा है कि वह घटना की रात बस में नहीं था। उसे फंसाया गया है। उसे करौली से गिरफ्तार किया गया था और पुलिस ने प्रताड़ित करके उसका अपराध स्वीकृति का बयान दर्ज किया।
मुकेश का कहना है कि उसे ड्राइविंग नहीं आती। पुलिस ने उसके जिस ड्राइविंग लाइसेंस को केस में पेश किया है वह मोटर साइकिल चलाने का है बस चलाने का नहीं है।