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सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल टावरों के प्रभाव पर केंद्र से मांगी रिपोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने मोबाइल टावरों से होने वाले विकीरण के खतरनाक प्रभावों पर केंद्र सरकार से कई सवाल पूछते हुए इस तरह के उत्सर्जन के मानकों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों रिपोर्ट मांगी है।
सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल टावरों के प्रभाव पर केंद्र से मांगी रिपोर्ट

प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर, न्यायमूर्ति सी नागप्पन और न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की पीठ ने कहा, इन मोबाइल टावरों के बुरे प्रभाव क्या हैं? क्या निगरानी के लिए कोई संस्था है? क्या आपने (दूरसंचार विभाग) इन टावरों से निकलने वाले विकीरण के लिए मानकों, अगर हैं तो उनको लागू करने के लिए कोई तंत्र स्थापित किया। पीठ ने दूरसंचार विभाग की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पीएस पटवालिया को एक रिपोर्ट सौंपकर अदालत को विकिरण के प्रभावों तथा इन पर काबू करने के लिए उठाए गए कदमों सहित मुद्दों से अवगत कराने का निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान पीठ ने दूरसंचार विभाग से पूछा कि उसने इन टावरों से होने वाले विकिरण के उत्सर्जन के लिए मानक कैसे लागू किए हैं। पीठ ने पूछा, क्या देश के मोबाइल टावरों से विकीरण के मानक अंतरराष्ट्रीय मानकों के बराबर हैं? पीठ ने कहा कि देश में अब तक सेवा प्रदाताओं ने कितने मोबाइल टावर लगवाए हैं और क्या दूरसंचार विभाग द्वारा इनकी जांच की जा रही है। इन सवालों पर पटवालिया ने कहा, मुझे जवाब देने के लिए कुछ समय चाहिए। इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए अदालत ने 17 अक्तूबर की तारीख तय की है।

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