संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर आज आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। फैसले के तुरंत बाद राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने आपात बैठक बुलाई। मीटिंग के दौरान ‘पद्मावत’ पर सरकार के अगले कदम पर विचार किया गया। बता दें कि राजस्थान पहला राज्य है जिसने फिल्म के खिलाफ नोटिफिकेशन जारी किया था।
हमारा संघर्ष जारी रहेगा चाहे मुझे फांसी लगा दो: अमू
वहीं, फिल्म को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद राजपूत समाज के राष्ट्रीय नेता कंवर सूरज पाल अमू ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने लाखों-करोड़ों लोगों, लाखों-करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, जो कोर्ट का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा संघर्ष जारी रहेगा चाहे मुझे फांसी लगा दो। ये फिल्म रिलीज होगी तो देश टूटेगा।
कोर्ट के फैसले के बाद करणी सेना प्रमुख लोकेंद्र सिंह कल्वी ने कहा, ‘पूरे देश के संगठनों से अपील करूंगा कि पद्मावत नहीं चलनी चाहिए। फिल्म हॉल पर जनता कर्फ्यू लगा दें।
Poore desh ke saamajik sangathanon se appeal karoonga #Padmaavat nahi chalni chahiye. Film hall par janta curfew laga de: Lokendra Singh Kalvi, Rajput Karni Sena Chief in Ujjain #MadhyaPradesh pic.twitter.com/kxIYAE38EV
— ANI (@ANI) January 18, 2018
कलाकारों की स्वतंत्रता की जीत- सिब्बल
वरिष्ठ वकील और पूर्व टेलिकॉम मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय कलाकारों की आजादी, अधिकारों की पुष्टि करता है। इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। उम्मीद है कि राज्य भी सुप्रीम कोर्ट का साथ देंगे और किसी तरह की बाधा नहीं डालेंगे।
It's vindication to artists' rights & freedom of speech. SC must be congratulated for upholding not just freedom of speech but artists' rights to present story in manner he/she wishes. Hope states honor verdict & don't create hurdles in its implementation: Kapil Sibal #Padmaavat pic.twitter.com/Df7dRoLmVK
— ANI (@ANI) January 18, 2018
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं- गुलाबचंद कटारिया
कोर्ट के फैसले के बाद राजस्थान सरकार ने कहा है कि हमारे पास भी कुछ संवैधानिक अधिकार हैं। राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि हम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हैं और उससे बंधे हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पढ़ने के बाद अगर संभव हुआ तो मेरा विभाग और मैं एक कानूनी प्रावधान की तलाश करेंगे। इसके बाद हम आगे के निर्णय पर विचार करेंगे।
We respect the Supreme Court's decision, will abide by it. My department & I will look for a legal provision, if one is possible, after reading SC's decision and then we will move forward: Rajasthan Home Minister Gulab Chand Kataria #Padmaavat pic.twitter.com/W7eW0AMdQQ
— ANI (@ANI) January 18, 2018
छत्तीसगढ़ में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग, धमकी
सुप्रीम कोर्ट ने भले ही चारों राज्यों में (मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात) ‘पद्मावत’ के रिलीज को हरी झंडी दे दी हो, लेकिन अब छत्तीसगढ़ में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के मांग की जाने लगी है। गुरुवार को राजपूत समाज के प्रतिनिधियों ने गृह मंत्री से मुलाकात की और फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।
साथ ही, राजपूत समाज ने धमकी दी है कि अगर छत्तीसगढ़ में संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है तो छत्तीसगढ़ में उग्र आंदोलन किया जाएगा। सिनेमा हॉल को जला दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके इस फैसले के बाद के कोई भी बदलाव स्वीकार्य नहीं है। हम इस फिल्म को लेकर पूर्ण प्रतिबंध चाहते हैं।
Raipur (Chhattisgarh): Members of Rajput Community submitted a memorandum to state Home Minister Ramsewak Paikra demanding ban on #Padmaavat in the state, say 'Cinema halls screening the film would be burnt down. No changes hereafter are acceptable. We want a complete ban'. pic.twitter.com/sIDIqKRNBY
— ANI (@ANI) January 18, 2018
राज्य में फिल्म ‘पद्मावत’ का विरोध करने वाले लोगों ने कहा कि ये अंतिम चेतावनी है कि उसको इस बार खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि महारानी पद्मावती हमारी आन-बान और शान की प्रतीक है और अगर छत्तीसगढ़ में फिल्म लगी तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। जहां पद्मावत चलेगी वो सिनेमाघर जलेगा।
Ye antim chetaawni hai usko iss baar khamiyaza bhugatna padega. Maharani Padmavati hamari aan baan shaan ki pratik hai aur agar Chhattisgarh mein film laga to iska khamiaza bhugatna padega. Jahan #Padmaavat chalega wo cinema ghar jalega: Protester pic.twitter.com/qUGsYHymCL
— ANI (@ANI) January 18, 2018
SC ने हमारा पक्ष सुने बिना दिया फैसला: अनिल विज
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा, SC ने हमारा पक्ष सुने बिना फैसला दिया। हम इस फैसले को रिव्यू करने के बाद जहां भी संभव होगा अपील करेंगे।
गौरतलब है कि फिल्म ‘पद्मावत’ पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने चारों राज्यों में पद्मावत के बैन को खारिज कर दिया है। ‘पद्मावत’ के प्रोड्यूसर्स ने कुछ राज्यों में फिल्म बैन करने को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिस पर कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया।