सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में वायु प्रदूषण के स्तर को चिंताजनक बताया। कोर्ट ने पराली जलाने और धूल से हो रहे प्रदूषण को लेकर केंद्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ राज्यों को नोटिस जारी किया है बल्कि प्रदूषण को गंभीर समस्या मानते हुए इससे निपटने के लिए कुछ सुझाव भी दिए। कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के कारण इमर्जेंसी जैसी स्थिति है और इससे निपटना तुरंत आवश्यक है।
Air pollution case: Supreme Court issued notice to Center, Uttar Pradesh, Punjab, Haryana and Delhi Government on petition on stubble burning and dust pollution
— ANI (@ANI) November 13, 2017
Air pollution case: Supreme Court observed that it was an emergency like situation and sought expeditious action.
— ANI (@ANI) November 13, 2017
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और डीवाय चंद्रचूड की बेंच एयर पॉल्यूशन को लेकर वकील आरके कपूर की ओर से दायर पिटीशन पर सुनवाई कर रही थी। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। इस याचिका में पराली जलाने, सड़क पर धूल और ऑड-ईवन योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के संबंध में केंद्र तथा राज्यों को निर्देश देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी और आसपास प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है। यह गंभीर समस्या है और राज्य सरकारों को बताना होगा कि इससे निपटने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं। कोर्ट ने प्रदूषण को रोकने के लिए राज्य सरकारों से हवा को शुद्ध करने के उपाय के साथ ई-रिक्शा जैसे उपायों को बढ़ावा देने का सुझाव भी दिया।