शांतिभूषण का कहना है कि उनके पिता ने 1938 में नेशनल हेराल्ड चलाने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड के 300 शेयर खरीदे थे और ये शेयर उन्हें विरासत में मिले हैं। इस आधार पर वह एसोसिएट जर्नल लिमिटेड के शेयरों को सोनिया व राहुल की कंपनी यंग इंडिया लिमिटेड ट्रांसफर करने को चुनौती देंगे।
भूषण ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के शेयरों को यंग इंडिया लिमिटेड को ट्रांसफर किए जाने को पूरी तरह गैरकानूनी करार दिया है। गौरतलब है कि यंग इंडिया में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी थी। घाटे की वजह से 2008 में बंद हुए नेशनल हेराल्ड को कांग्रेस ने करीब 90 करोड़ का कर्ज दिया था। आरोप हैं कि इस कर्ज के एवज में सोनिया और राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडिया ने एसोसिएटेड जर्नल में 99 फीसदी हिस्सेदारी यानी इसका मालिकाना हक हासिल किया। इस तरह यंग इंडिया को सिर्फ 50 लाख रुपये में नेशनल हेराल्ड की हजारों करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी मिल गई। यह मामला फिलहाल अदालत में विचाराधीन है।
शांतिभूषण का आरोप है कि एसोसिएट जर्नल के शेयरों का ट्रांसफर पूरी तरह गैरकानूनी है जिसे वह अदालत में चुनौती देंगे। भूषण ने कहा है उनके पिता ने 1938 में अपने नाम पर एसोसिएटेड जर्नल के शेयर्स खरीदे थे। ये 300 शेयर उन्हें विरासत में मिले हैं। उन्होंने पिता के वारिसों को उन शेयरों का मालिकाना हक दिलाने की प्रक्रिया शुरु कर दी है जिसमें कुछ समय लगेगा। लेकिन वह इस मामले को कोर्ट में जरूर लेकर जाएंगे।
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से नेशनल हेराल्ड का मुद्दा देश की राजनीति में तूफान मचाए हुए है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर दिल्ली की एक अदालत में सुनवाई चल रही है और 19 दिसंबर को सोनिया व राहुल गांधी को अदालत में पेश होना है।