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ललित मोदी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी

आखिरकार ललित मोदी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जारी हुआ गैर-जमानती वारंट
ललित मोदी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी

नई दिल्‍ली। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में आईपीएल के पूर्व कमिश्‍नर ललित मोदी के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया। विशेष पीएमएलए अदालत ने यह वारंट जारी किया। गौरतलब है कि ललित मोदी को ब्रिटेन में यात्रा दस्‍तावेज दिलवाने के आरोपों से केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी बुरी तरह घिर चुकी है। इस मुद्दे पर विपक्ष लगातार विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज और राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्‍तीफे की मांग पर अड़ा है।

 

विशेष न्यायाधीश पीआर भावके ने वारंट जारी करते हुए कहा, आपका (प्रवर्तन निदेशालय का) आवेदन स्वीकार किया जाता है। प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले हफ्ते ललित मोदी के खिलाफ विशेष अदालत में आवेदन दायर कर गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने का आग्रह किया था। निदेशालय ने यह कदम तब उठाया जब ललित मोदी ने उसके समन का जवाब नहीं दिया। प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के अनुसार, यह वारंट विदेश मंत्रालय भेजा जाएगा जो इसे ब्रिटेन भेजेगा। गौरतलब है कि प्रवतर्न निदेशालय द्वारा 2009 में जांच शुरू किए जाने के तुरंत बाद ही पूर्व आईपीएल प्रमुख ने देश छोड़ दिया था। हालांकि, जांच एजेंसी के लिए गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट हासिल करना बहुत आसान नहीं रहा क्योंकि न्यायाधीश ने सबसे पहले ईडी के समक्ष वारंट मांगने में देरी का प्रश्न उठाया और बाद में अधिकार क्षेत्र का मुद्दा भी उठा। 

 

अदालत ने यह भी जानना चाहा कि एजेंसी ललित मोदी को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है और गैर जमानती वारंट जारी करने की मांग की है, तथा क्या जांच के दौरान वारंट जारी किया जा सकता है। पिछले महीने अदालत ने मामले में मदद मांगते हुए सिंगापुर और मॉरीशस को आग्रह पत्र (लेटर्स रोगेटरी) भेजा था। बीसीसीआई ने एमएसएम सिंगापुर (जो सोनी चैनल की मालिक है) तथा डब्ल्यूएसजी मीडिया (जो खेल विपणन एवं इवेंट प्रबंधन कंपनी है) के बीच एक सौदे के संबंध में 2010 में ललित मोदी के खिलाफ चेन्नई में भादंसं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

 

 

वर्ष 2008 में बीसीसीआई ने डब्ल्यूएसजी को 91 करोड़ 80 लाख डॉलर में 10 साल के लिए मीडिया अधिकार बेचे थे। डब्ल्यूएसजी ने तब सोनी को आधिकारिक प्रसारक बनाने के लिए एमएसएम के साथ एक सौदा किया। बाद में करार नौ साल के सौदे के रूप में हुआ जहां एमएसएम ने 1.63 अरब डॉलर का भुगतान किया। ललित मोदी अपने खिलाफ लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते रहे हैं। वह प्रवर्तन निदेशालय को भी आरोप साबित करने की चुनौती दे चुके हैं।

 

क्यों चर्चा में हैं ललित मोदी

ललित मोदी भारतीय क्रिकेट के स्वरूप में आमूलचूल बदलाव लाने के लिए जाने जाते हैं और इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल के रूप में उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को कमाई का एक शानदार जरिया थमा दिया मगर साथ ही इस लीग ने क्रिकेट को प्रर्याप्‍त बदनामी भी दी है और इसमें सट्टेबाजी, मैच फिक्सिंग, काले धन का इस्तेमाल, राजनीतिक आकाओं का तुष्टिकरण के इतने आरोप लगे हैं कि अब इस लीग से दर्शकों का विश्वास उठता जा रहा है। लीग की दो टीमें सट्टेबाजी के आरोपों के चलते दो वर्ष के लिए प्रतिबंधित हो चुकी हैं जबकि काले धन के इस्तेमाल के आरोपों से घिरे ललित मोदी देश छोड़कर जा चुके हैं। उनकी मदद करने के आरोप में केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विपक्षी कांग्रेस पार्टी के निशाने पर हैं जबकि वसुंधरा राजे और उनके बेटे की कंपनी में ललित मोदी द्वारा निवेश करने के आरोपों ने भी भारतीय जनता पार्टी को रक्षात्मक मुद्रा में ला रखा है। ललित मोदी ने मां-बेटे की इस कंपनी के एक-एक शेयर हजारों गुना ज्यादा दाम पर खरीदे।  

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