कश्मीर में लगातार बढ़ रही आतंकियों की भर्ती ने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है। पिछले माह रमजान के दौरान सरकार ने सीजफायर का ऐलान किया था लेकिन इसके खत्म होने के बाद आतंकी संगठनों में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या आश्चर्यजनक रूप से बढ़ी है।
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने जम्मू-कश्मीर के मल्टी एजेंसी सेंटर (एमएसी) की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि जून महीने में मुख्य रूप से शोपियां, पुलवामा, अंनतनाग और कुलगाम से 27 कश्मीरी युवा विभिन्न आतंकी संगठनों में भर्ती हुए।
श्रीनगर के एक अधिकारी ने बताया कि 16 जून के बाद आतंकी संगठनों में स्थानीय युवाओं की भर्तियां बढ़ी है। इस दौरान सुरक्षा बलों ने सीजफायर समाप्त कर दोबारा ऑपरेशन को अंजाम देने का फैसला किया था।
घाटी में इस साल अप्रैल में सबसे ज्यादा 28 आतंकियों की भर्ती के बाद, मई यह संख्या 14 हो गई थी।
डेटा (जून के अंत तक) से पता चलता है कि साल की शुरुआत के बाद से 82 स्थानीय युवा आतंकवादी संगठनों में शामिल हो गए हैं। जबकि 2017 में 128 स्थानीय युवाओं के आतंकवाद में शामिल होने की सूचना मिली थी। वहीं 2016 में 84, 2015 में 83 और 2014 में 63 युवाओं ने आंतक की राह पकड़ी थी।
इस साल आतंकवाद में शामिल 82 में से 38 हिजबुल मुजाहिदीन में, 18 लश्कर-ए-तैयबा में और 19 जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुए हैं।