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चार घंटों में 49 को मारकर लिया उरी का बदला

रात साढ़े 12 बजे भारतीय सेना ने सर्जिकल ऑपरेशन शुरू किया। सुबह साढ़े चार बजे तक सात आतंकी शिविरों को उड़ा दिया गया। इस कार्रवाई में कम से कम 40 आतंकियों और नौ पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की खबरें आ रही हैं। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने तो किसी आतंकी शिविर के होने से ही इंकार करते हुए इस घटना को सीमा पार फायरिंग बताते हुए महज दो सैनिकों का मारा जाना स्वीकार किया है।
चार घंटों में 49 को मारकर लिया उरी का बदला

जबकि, भारतीय सेना के इस सर्जिकल ऑपरेशन (लक्षित हमले) के लिए पूरे एक हफ्ते से तैयारी की गई। निशाने तय किए गए। हेलीकॉप्टरों से कमांडो को उस जगह पहुंचाया गया और आतंकी शिविरों को नष्ट कर सैनिक वापस लौट आए। जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, वे नियंत्रण रेखा से दो से तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित थे और इन पर एक सप्ताह से नजर रखी जा रही थी।

सुबह भारतीय सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप द्वारा साझा प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर इस कार्रवाई की घोषणा के बाद से ही पाकिस्तानी सेना और वहां की सरकार इससे इंकार कर रही है। हालांकि ले. ज. सिंह ने कहा कि इस कार्रवाई में काफी सारे आतंकी और उनका समर्थन करने वाले मारे गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 38 आतंकियों के मारे जाने की खबरें हैं। ले. ज. सिंह के अनुसार, हमें कल बहुत ही विश्वसनीय और विशिष्ट सूचना मिली थी कि कुछ आतंकवादी समूह नियंत्रण रेखा से लगे आतंकवादी ठिकानों पर जमा हैं और उनका उद्देश्य घुसपैठ करना और जम्मू कश्मीर तथा देश के प्रमुख मेट्रो शहरों में आतंकवादी हमले को अंजाम देना है। इस सूचना के आधार पर भारतीय सेना ने कल रात इन आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए लक्षित हमला किया।

सर्जिकल ऑपरेशन का आशय युद्ध नहीं होता। युद्ध की स्थिति से बचने के लिए ऐसी कार्रवाई की जाती है। दुश्मन के इलाके में घुसकर विशेष ठिकानों को तबाह किया जाता है और ध्यान रखा जाता है कि नागरिक इलाकों को नुकसान न पहुंचे। बुधवार की रात में एलओसी के पार सेक्टर्स, भीमबेर, हॉटस्प्रिंग, केल और लिपा में कार्रवाई की गई, वहां के बारे में खुफिया ब्यूरो, रॉ, मिलिट्री इंटेलीजेंस के जरिए जानकारी जुटाई गई और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप्स को भेजने का फैसला किया गया।

ऑपरेशनल कमांड द्वारा सी4आईएसआर (कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्युटर्स, इंटेलीजेंस, सर्विलेंस और रिकोनायसेंस) सपोर्ट से इस तरह की कार्रवाई की योजना बनाई जाती है। भारतीय थलसेना में पैराशूट रेजिमेंट के कमांडो को इस तरह की कार्रवाई के लिए तैयार किया गया है। नौसेना में मरीन कमांडो या मार्कोस और वायुसेना में गुरुदास कमांडों हैं।

पंजाब में गांव खाली कराने के निर्देश

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की। पंजाब के मुख्यमंत्रई प्रकाश सिंह बादल से बात कर उन्होंने सीमा पर बने हालात की जानकारी दी और अंतरराष्ट्रीय सीमा से 10 किलोमीटर भीतर तक के गांवों को खाली करा लेने के निर्देश दिए। पंजाब के फिरोजपुर, फजिल्का, अमृतसर, तरन तारन, गुरुदासपुर और पठानकोट जिलों में गांव खाली कराए जा रहे हैं। 

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