शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों को भेजे परिपत्र में कहा, सभी सरकारी और निजी स्कूलों के प्रमुखों को निर्देश दिया जाता है कि छात्रों और अभिभावकों को उन खाद्य पदार्थों के बुरे प्रभावों के बारे में बताया जाए जिनमें वसा, शर्करा और लवण की मात्रा अधिक है। इस बारे में जागरूक करने के लिए सुबह की सभा और अभिभावक-शिक्षक बैठकों का प्रयोग किया जाए।
इसमें कहा गया है, स्कूल अपनी कैंटीन में इस तरह के खाद्य पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध पर भी विचार कर सकते हैं। इसके अलावा स्कूल यह भी सुनिश्चित करें कि कैफेटेरिया कम वसा वाला ताजा और स्वास्थ्यवर्धक खाना बेचें। इस आदेश में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताए गए उच्च वसा, शर्करा और लवण वाले हर खाने के बुरे प्रभावों की जानकारी भी दी गई है।
इसके अलावा इस परिपत्र में स्वास्थ्यप्रद खाद्य पदार्थों का भी सुझाव दिया गया है जिनमें सब्जियों का सैंडविच, फल, पनीर कटलेट, खांडवी, पोहा, कम वसा का मिल्क शेक, मौसमी फल, लस्सी और जलजीरा के नाम सुझाएं गए हैं। यह परिपत्र दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश के बाद आया है जिसमें स्कूली छात्रों के बीच जंक फूड के उपभोग सीमित करने के लिए कहा गया था।