इस बारे में दोनों पक्ष की तरफ से शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। प्राथमिकी में कहा गया कि आरोपियों का ताल्लुक पीपुल फाॅर एनीमल्स (पीएफए) से है, लेकिन इस पशु अधिकार संगठन ने इस घटना से कोई संबंध होने से इंकार किया है।
पुलिस के अनुसार बीती रात पीएफए के पदाधिकारी गौरव गुप्ता से पीसीआर काॅल के जरिए सूचना मिली थी कि कुछ लोग गैरकानूनी ढंग से ट्रक पर भैंस ले जा रहे हैं। संबंधित ट्रक पर मौजूद लोगों ने दावा किया कि गुप्ता की अगुवाई में पशु अधिकार समूह के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ हाथापाई की। बहरहाल, पीएफए ने इस घटना से कोई सबंध होने से इंकार किया। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी पीएफए की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और इसकी प्रमुख भी हैं।
मेनका गांधी के कार्यालय ने कहा, दिल्ली में पीएफए की कोई इकाई नहीं है। पूरे देश में हमारे 10,000 स्वयंसेवी है। जिसने भी यह किया होगा, वह निजी हैसियत से किया होगा। सूत्राेें के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री ने इस घटना के बारे में इलाके के डीसीपी से बात की है।
घायल हुए तीन लोगों - रिजवान, आशू और कामिल की चिकित्सा जांच कराई गई और जिस ट्रक से भैंस ले जाई जा रही थी, उसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। इन तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। ट्रक के चालक की शिकायत पर पीएफए के कथित कार्यकर्ताओें के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। पुलिस ने कहा कि इसका सत्यापन किया जा रहा है कि ट्रक को रोकने वाले लोग पीएफए के सदस्य हैं या नहीं। इस बारे में निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद वे आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करेंगे।