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तमिल पत्रकार नक्कीरन को कोर्ट से राहत, नहीं जाना होगा जेल, सेक्स स्कैंडल में गवर्नर पर उठाया था सवाल

निर्मला देवी सेक्स स्कैंडल मामले में तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को कथित रूप से बदनाम...
तमिल पत्रकार नक्कीरन को कोर्ट से राहत, नहीं जाना होगा जेल, सेक्स स्कैंडल में गवर्नर पर उठाया था सवाल

निर्मला देवी सेक्स स्कैंडल मामले में तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को कथित रूप से बदनाम करने के आरोप में तमिल पत्रिका “नक्कीरन” के पत्रकार और पब्लिशर नक्कीरन गोपाल को गिरफ्तार किया गया है। गोपाल को चेन्नई एयरपोर्ट से उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वे एक समारोह में भाग लेने पुणे जा रहे थे। हालांकि, चेन्नई की अदालत ने पुलिस द्वारा कस्टडी में लेने की मांग को खारिज कर दिया। इससे उन्हें अब जेल नहीं जाना होगा।

कथित तौर पर गोपाल की पत्रिका में मदुरै कामराज यूनिवर्सिटी सेक्स स्कैंडल की आरोपी निर्मला देवी और राज्यपाल पुरोहित की साथ में तस्वीर छापी गई थी। इसकी शिकायत राजभवन की तरफ से की गई। उसके बाद पुलिस ने यह गिरफ्तारी की। पुलिस ने कहा कि राजभवन की शिकायत पर नक्कीरन गोपाल को गिरफ्तार किया गया। शिकायत में तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक लेख छापने का आरोप लगाया गया है। लेख में राजभवन और निर्मला देवी के बीच संबंधों के बारे में जिक्र किया गया है।

राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रिया

उधर, तमिलनाडु के विभिन्न दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। गोपाल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस स्टेशन उनसे मिलने पहुंचे एमडीएम के प्रमुख वाइको ने बताया, “मैंने नक्कीरन गोपाल से मिलने के लिए पुलिस से इजाजत मांगी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। यह गिरफ्तारी स्वतंत्र पत्रकारिता के खिलाफ अधिकारियों के दमनकारी रवैये को बताता है। क्या तमिलनाडु में राज्यपाल शासन लागू है? मैं इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार मानता हूं।” बाद में पुलिस ने वाइको को भी गिरफ्तार कर लिया।

उधर, डीएमके प्रमुख एम.के. स्टालिन ने गोपाल की गिरफ्तारी को गलत बताया। उन्होंने कहा, “नक्कीरन गोपाल की गिरफ्तारी सही नहीं है। मैं पूछता हूं कि पहले कई बार भड़काऊ भाषण दे चुके भाजपा नेता एच. राजा को आजतक क्यों गिरफ्तार नहीं किया जा सका? एसवाई शेखर आजतक क्यों बाहर घूम रहे है?” डीएमके प्रमुख स्टालिन ने मोदी सरकार और राज्य सरकार पर राज्य में अघोषित आपातकाल लगाने का आरोप लगाया। 

वहीं, पीएमके संस्थापक एस. रामदॉस ने कहा कि अगर लेख अपमानजनक है, तो मानहानि का मामला दर्ज किया जा सकता था। वहीं, अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने भी गोपाल की गिरफ्तारी की निंदा की है।

नहीं जाएंगे जेल, पुलिस हिरासत से कोर्ट का इनकार

इस मामले में नक्कीरन को जेल नहीं जाना पड़ेगा। चेन्नई की एक अदालत ने पुलिस हिरासत में भेजने की मांग को खारिज कर दिया। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक कोर्ट के फैसले के बाद नक्कीरन गोपाल ने कहा, “यह एक जीत है। यह राजभवन पर एक तमाचा है। यह तमिलनाडु सरकार पर भी एक तमाचा है, जिसने राज्यपाल की इच्छा के आधार पर कार्रवाई की।

कॉलेज प्रोफेसर निर्मला देवी को इस साल के शुरू में ही इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन पर अपने छात्रों को अच्छे अंक और पैसों का लालच देकर यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए दबाव डालने का आरोप था। निर्मला देवी की गिरफ्तारी छात्रों और उनके बीच बातचीत के ऑडियो क्लिप के आधार पर की गई, जिसमें वह खुद को पुरोहित का करीबी होने की भी बात कहती पाई गईं

हालांकि, राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने 17 अप्रैल को ही स्पष्ट कर दिया था कि इस मामले में उनकी कोई संलिप्तता नहीं है। उन्होंने कहा, “मैंने उसे (निर्मला देवी) आज तक नहीं देखा। वह मुझसे नहीं मिली है।” 

 

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