रेलमंत्री बदलने के बाद भी रेल हादसों का सिलसिला जारी जारी है। पिछले चौबीस घंटों में चार रेल हादसे हो गए हैं। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में फिर एक बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया। नई दिल्ली से वाराणसी जा रही शिवगंगा एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन भदोही जिले के ज्ञानपुर स्टेशन के पास कपलिंग टूट जाने की वजह से बाकी हिस्से को छोड़कर करीब एक किलोमीटर आगे निकल गया।
पीयूष गोयल के रेल मंत्री बनने के बाद गुरूवार को एक ही दिन में तीन रेल हादसे हुए। बता दें कि मुजफ्फरनगर और खतौली जैसे रेल हादसों के मद्देनजर सुरेश प्रभु ने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। जिसके बाद रविवार को हुए मोदी कैबिनेट में फेरबदल में सुरेश प्रभु की जगह गोयल को रेल मंत्री का जिम्मा दे दिया गया।
हालांकि इसके बाद भी रेल हादसों पर कोई लगाम लगता दिखाई नहीं दे रहा है। गुरुवार सुबह उत्तरप्रदेश के सोनभद्र में रेल हादसे के बाद दोपहर में राजधानी दिल्ली में भी रांची राजधानी एक्सप्रेस पटरी से उतर गई। इसके बाद मुंबई-पुणे के बीच खंडाला में मालगाड़ी पटरी से उतर गई थी, जिसके चलते 10 लोकल ट्रेनों को रद्द किया गया।
ऐसी दुर्घटनाओं ने भारतीय रेलवे को लेकर सवालिया निशान लगा दिया है। अक्सर ऐसे हादसों में जान-माल की भारी क्षति उठानी पड़ रही है। अमूमन ट्रेन दुर्घटना की प्रमुख वजह ट्रैक से उतरना ही रहती है। इन दस सालों में ऐसे हादसों की वजह से 2016-17 में सबसे अधिक मौतें हुई हैं।
31 मार्च 2017 और 11 अगस्त 2017 को राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ें और इंडिया स्पेंड विश्लेषण के मुताबिक, 2016-17 में रेलगाड़ी की पटरी से उतरने से हुई मौतें अब एक दशक में सबसे अधिक है। इस विश्लेषण के मुताबिक, एक साल में 1 9 3 लोगों की मौतें ट्रेन हादसों की वजह से होती है। इस साल मार्च 2017 तक कम से कम 104 ट्रेन दुर्घटनाएं हुईं। इन दुर्घटनाओं में 78 हादसे पटरी से उतरने की वजह से हुए।
भारत में पिछले दस सालों में 1,394 ट्रेन दुर्घटनाएं हुईं। इन दुर्घटनाओं में से, 51% या 708 हादसे रेलगाड़ी पटरी से उतरने की वजह से हुईं। पिछले 10 वर्षों में रेलगाड़ी की पटरी से उतरने के कारण 458 लोग मारे गए हैं।
इंडिया स्पेंड की रिपोर्ट के मानें तो भारतीय रेल के 1,21 9 रेल लाइन का इस्तेमाल उसके क्षमता से अधिक किया जा चुका है।
19 जुलाई 2017 में लोकसभा के जवाब के अनुसार, 2017 के पहले छः महीनों में 2 9 ट्रेन दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 57 लोग मारे गए और 58 घायल हो गए। इनमें से 29 दुर्घटनाओं में, 69% या 20 घटनाएं पटरी से उतरने की वजह से हुई। जिसमें 39 मौतें और 54 लोग घायल हुए।