मतदान के दौरान मेदिनीपुर के साबंग इलाके से हिंसा का आगाज दो दिन पहले हो गया। सत्ताधारी पार्टी के एक कार्यकर्ता की हत्या का आरोप कांग्रेस के दिग्गज उम्मीदवार डॉ. मानस भुइयां और उनके 22 समर्थकों पर लगा है। सोमवार को मतदान के दौरान पश्चिम मेदिनीपुर समेत आठ जिलों में उस घटना का असर दिखा। दक्षिण बंगाल के बर्दवान, जामुड़िया, कुलटी, रानीगंज, चंद्रकोना, साबंग, बांकुड़ा के सोनामुखी में कहीं प्रतिपक्ष के उम्मीदवार को सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता ने पीटकर भगा दिया। जामुड़िया में माकपा के एक पोलिंग एजेंट की जमकर पिटाई की गई। (फोटो- इनसेट में)। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कई जगह बम विस्फोट किए गए। विष्णुपुर में तो कांग्रेस के उम्मीदवार पर हमला किया गया। बांकुड़ा के सोनामुखी और पात्रसायर इलाके में आग्नेयास्त्र लेकर असामाजिक तत्व बूथों के चक्कर लगाते रहे।
नारायणगढ़ विधानसभा इलाके में माकपा के उम्मीदवार सूर्यकांत मिश्र को तृणमूल समर्थकों ने बूथ पर नहीं जाने दिया। कभी माकपा का गढ़ रहे केशपुर इलाके के 50 फीसद बूथों पर विपक्षी कांग्रेस-वाममोर्चा गठबंधन अपना एजेंट ही नहीं दे सका। कई इलाकों में केन्द्रीय बलों के जवानों को सटीक ढंग से तैनात नहीं किए जाने के आरोप लगाए गए हैं। माकपा के सचिव और नारायणगढ़ से उम्मीदवार सूर्यकांत मिश्र ने आउटलुक को बताया, केन्द्रीय वाहिनी को ठीक से तैनात नहीं किया गया है। जहां बूथ लूटे जा रहे हैं, वोटरों को धमकाया जा रहा है- वहां जवानों को बूथ के भीतर या दूर कोने में तैनात किया गया है। कांग्रेस के सांसद प्रदीप भट्टाचार्य के अनुसार, बूथ जाम कर दिया गया और कई जगह वोटरों को धमका कर लौटा दिया गया।
केशपुर में तृणमूल कांग्रेस की एक महिला एजेंट के कपड़े फाड़ दिए गए और उसे पूरी तरह नग्न करने की धमकी देकर तृणमूल के ही अन्य एक गुट के समर्थकों ने भगा दिया। इस मामले में दो को गिरफ्तार किया गया है। जामुड़िया में तृणमूल-भाजपा समर्थकों के बीच हिंसा की खबर है।
उधर, असम में दूसरे चरण के दौरान बाकी 61 सीटों के लिए वोट डाले गए। मतदान शांतिपूर्ण रहने की खबर है। असम की कुल 126 सीटों में 65 के लिए चार अप्रैल को वोट डाले गए थे।