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SC-ST एक्ट में बदलाव का हिंसक विरोध, कहीं ट्रेनें रोकीं, तो कहीं आगजनी, देखिए तस्वीरें

एससी/एसटी एक्ट में बदलाव के विरोध में दलित संगठन सोमवार को देशभर में प्रदर्शन कर रह हैं। विरोध...
SC-ST एक्ट में बदलाव का हिंसक विरोध, कहीं ट्रेनें रोकीं, तो कहीं आगजनी, देखिए तस्वीरें

एससी/एसटी एक्ट में बदलाव के विरोध में दलित संगठन सोमवार को देशभर में प्रदर्शन कर रह हैं। विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक रुप भी अख्तियार करने लगा है। प्रदर्शनकारियों द्वारा कहीं ट्रेनें रोकी जा रही हैं, तो कहीं आगजनी और तोड़फोड़ को अंजाम दिया जा रहा है। भारत बंद के आह्वान के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें भी देखी गई हैं। इस बीच मुरैना में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई।

उत्तर प्रदेश

-मेरठ में कार को क्षतिग्रस्त किया

 

-मेरठ में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प

-गाजियाबाद में दलितों का प्रदर्शन

बिहार

-फोर्बेस्गंज जंक्शन में रेल रोककर प्रदर्शन

राजस्थान

- राजस्थान के भरतपुर में महिलाएं लाठियां लेकर सड़कों पर उतरीं और जाम लगा दिया।

-बाड़मेर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प भी देखने को मिली

-जयपुर में रोकी ट्रेन

-जयपुर में तोड़फोड़

झारखंड

-पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प, कई घायल।

मध्य प्रदेश

-भिंड में पथराव

-मुरैना में पटरी को किया ब्लॉक, आगजनी, एक की मौत

 -ग्वालियर में चली गोली


दिल्ली

-मंडी हाउस के पास विरोध जताते प्रदर्शनकारी

पंजाब

-पंजाब के पटियाला में ट्रेन रोककर प्रदर्शन


-अमृतसर में सुरक्षा सख्त


ओड़िशा

 -संभलपुर में प्रदर्शनकारियों ने विरोध जताते हुए ट्रेनें रोक दी।


गुजरात

-कच्छ स्थित गांधीधाम में प्रदर्शन


सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से है नाराजगी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस एक्ट के तहत कानून का दुरुपयोग हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी न किए जाने का आदेश दिया। इसके अलावा इसके तहत दर्ज होने वाले मामलों में अग्रिम जमानत को भी मंजूरी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस को सात दिन के भीतर जांच करनी चाहिए और फिर आगे एक्शन लेना चाहिए। अगर अभियुक्त सरकारी कर्मचारी है तो उसकी गिरफ्तारी के लिए उसे नियुक्त करने वाले अधिकारी की सहमति जरूरी होगी। उन्हें यह लिख कर देना होगा कि उनकी गिरफ्तारी क्यों हो रही है। अगर अभियुक्त सरकारी कर्मचारी नहीं है तो गिरफ्तारी के लिए एसएसपी की सहमति जरूरी होगी। दरअसल, इससे पहले ऐसे मामले में सीधे गिरफ्तारी हो जाती थी।

 

 

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