Advertisement

कौन हैं संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे जिन पर है भीमा-कोरेगांव हिंसा भ्‍ाड़काने का आरोप

भीमा-कोरेगांव की हिंसा का असर महाराष्ट्र समेत देश के कई इलाकों में देखने को मिल रहा है। संसद, सड़क,...
कौन हैं संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे जिन पर है भीमा-कोरेगांव हिंसा भ्‍ाड़काने का आरोप

भीमा-कोरेगांव की हिंसा का असर महाराष्ट्र समेत देश के कई इलाकों में देखने को मिल रहा है। संसद, सड़क, सियासत, समाज सब जगह इस आग की आंच पसरी हुई है। लोगों के दिमाग में एक सवाल है कि एक जनवरी को भीमा-कोरेगांव में पेशवा सेना पर महारों की जीत की 200वीं सालगिरह मनाने पहुंचे दलितों पर हमले और हिंसा के इस खेल में आखिर किसका भला होगा?

199 साल तक कभी हिंसा की चिंगारी इस जगह पर नहीं भ्‍ाड़की, लेकिन 200वें साल में कैसे नफरत के शोले भड़क गए?

दलित संगठनों का आरोप है कि इस हिंसा के पीछे हिंदुत्ववादी संगठनों का हाथ है तो वहीं भाजपा समेत कई अन्य संगठनों द्वारा कहा जा रहा है कि इसके पीछे सोची समझी राजनीतिक साजिश है। लिहाजा दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और छात्र नेता उमर खालिद के इस कार्यक्रम में शामिल होने पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र बंद का आह्वान करने वाले दलित नेता और बीआर आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दलितों पर हुए हमले का मास्टरमाइंड ‘समस्त हिंदू अघाड़ी’ के मिलिंद एकबोटे और ‘शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान’ के अध्यक्ष संभाजी भिड़े हैं।”

मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिड़े पर हिंसा भड़काने के आरोप में केस दर्ज तो हुआ है लेकिन दलित संठनों का आरोप है कि सरकार और पुलिस इन पर हाथ डालने से बच रही है।

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन हैं ये दोनों शख्स जिन्हें इस हिंसक माहौल का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है…

संभाजी भिड़े, जिन्हें नरेंद्र मोदी भी प्यार से गुरुजीकहते हैं...

सादी वेशभूषा, मराठी टोपी, लंबी मूंछ और ओजपूर्ण भाषण.... लोग इन्हें प्यार से गुरुजी कहते हैं। उनके बारे में यह बात मशहूर है कि वो हमेशा नंगे पैर चलते हैं। भिड़े ने आज तक अपना कोई मकान नहीं बनाया है और न ही कभी कार से चलते हैं। कहा जाता है कि संभाजी भिड़े की लोकप्रियता इतनी है कि उनकी एक आवाज पर लाखों युवा इकट्ठा हो जाते हैं।

बीबीसी मराठी के मुताबिक भिड़े की उम्र 80 वर्ष है और उनका असली नाम मनोहर है। सतारा जिले का सबनिसवाड़ी उनका पैतृक गांव है। न्यूक्लियर फिजिक्स में एमएससी भिड़े पुणे के फर्गुसन कॉलेज में प्रोफेसर रह चुके हैं। 1980 के दौर में उन्होंने शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान नाम की एक संस्था बनाई। उनकी संस्था का मुख्य काम शिवाजी महाराज के बारे में लोगों को बताना है।

संभाजी भिड़े, गोविंद गायकवाड़ की समाधि को कथित रूप से तोड़ने के मामले में भी शामिल हैं।

दरअसल गोविंद गायकवाड़ ने संभाजी महाराज का अंतिम संस्कार किया था क्योंकि मुगल फरमान था कि कोई शव को छू नहीं सकता, जबकि गोविंद दलित जाति के थे।

इस पर भिड़े का कहना है कि यह झूठ है कि दलित समाज के किसी व्यक्ति ने संभाजी महाराज का अंतिम संस्कार किया था, बल्कि महाराष्ट्र सरकार को अध्ययन कर सच सबको बताना चाहिए कि मराठा समुदाय के शख्स ने महाराज का अंतिम संस्कार किया था।

2014 में सांगली दौरे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, “मैं सांगली खुद से नहीं आया बल्कि भिड़े गुरुजी के हुकुम पर आया हूं और वे हम सबके लिए एक आदर्श के समान है।”

इस वीडियो को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी संभाजी भिड़े का कितना आदर करते हैं, वे उनके संगठन शिव प्रतिष्ठान के कार्यक्रमों में जा चुके हैं।

इसके अलावा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, सूबे के सीएम देवेन्द्र फडणवीस से भी उनकी नजदीकियां मानी जाती हैं। ऐसे में संभाजी के रुतबे का अनुमान लगाया जा सकता है।

मिलिंद एकबोटे, जिन पर दर्ज हैं 12 मामले

56 वर्षीय मिलिंद एकबोटे पर भी हिंसा भड़काने का आरोप लगा है। एकबोटे गोरक्षा अभियान चलाने के लिए जाने जाते हैं।

मुंबई मिरर के मुताबिक, एकबोटे 1997 से लेकर 2002 तक भाजपा के पार्षद रहे हैं। एकबोटे ने 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

पुणे से समस्त हिंदू आघाडी संगठन चलाने वाले मिलिंद एकबोटे को कट्टर हिंदुत्ववादी के तौर पर पहचाना जाता है। उनका संगठन गोमाता, खाशाबा जाधव प्रतिष्ठान और अन्य सामाजिक मुद्दों को लेकर काम करता है।

इससे पहले इनके खिलाफ दंगा भड़काना, दो समाजों के बीच द्वेष फैलाना, अतिक्रमण करना और अपराध कृत्य जैसे 12 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से पांच मामलों में उन्हें दोषी भी ठहराया गया है।

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad