पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी(पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को मांग की है कि जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में आतंकवादियों ने जिस पुलिसकर्मी की हत्या की उसके परिवार को जल्द मुआवजा और नौकरी प्रदान की जाए। मुफ्ती ने हेड कांस्टेबल गुलाम मोहम्मद डार की लक्षित हत्या की निंदा की। डार की 31 अक्टूबर को उत्तरी कश्मीर जिले के वेलू क्रालपोरा में उनके घर के बाहर आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने शनिवार को डार के परिजनों से उनके आवास पर मिलने के बाद कहा,”हम इसकी निंदा करते हैं और निंदा के अलावा हम कर भी क्या सकते हैं? मुफ्ती ने कहा कि डार एक ईमानदार व्यक्ति थे और उनके परिवार में पत्नी और सात बेटियां हैं। परिवार में अब कोई भी पुरुष नहीं है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से डार के परिवार के एसआरओ 43 मामले में तेजी लाने और उनकी एक बेटी को नागरिक प्रशासन में नौकरी प्रदान करने का आग्रह किया।
एसआरओ 43 के तहत आतंकवाद या सीमा पर गोलीबारी में मारे गए लोगों और सेवा के दौरान जान गंवाने वाले सरकारी कर्मचारियों के परिजन सरकारी विभागों में नौकरी पाने के लिए पात्र हैं। पीडीपी प्रमुख ने उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन से आग्रह किया कि डार के परिवार को जल्द मुआवजा दिया जाना चाहिए। केंद्रशासित प्रदेश में सरकार और सुरक्षाबलों के सामान्य स्थिति के दावों को लेकर पूछे गए सवाल पर मुफ्ती ने कहा कि हिंसा में अभी भी लोगों की जान जा रही है।
उन्होंने कहा,”अफसोस इस बात का है कि पुलिस महानिदेशक यह कह कर चले गये कि अब यहां कोई नागरिक हताहत नहीं होता है। यह हताहत की घटना नहीं तो क्या है? कोकेरनाग में जो हुआ अगर वह किसी के जान की क्षति नहीं थी तो क्या थी? क्या मारे जा रहे पुलिसकर्मी इंसान नहीं हैं? क्या आपको नहीं लगता कि यह जान का नुकसान नहीं है तो फिर और क्या है?”
मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी दिलबाग सिंह की हालियां टिप्पणियों का जिक्र किया जिन्होंने कहा था कि बीते चार वर्षों में घाटी में कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ।