भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी को कोलकाता हाई कोर्ट ने बड़ा झटका दिया। कोर्ट ने उन्हें अपनी अलग रह रही पत्नी हसीन जहां और उनकी बेटी को हर महीने 4 लाख रुपये भत्ता देने का आदेश दिया। इसमें हसीन को 1.5 लाख और उनकी बेटी को 2.5 लाख रुपये मिलेंगे। यह फैसला 1 जुलाई 2025 को जस्टिस अजय कुमार मुखर्जी ने सुनाया। हसीन ने इसे अपनी जिंदगी का सबसे अच्छा पल बताया।
हसीन जहां ने कहा, “मैं पहले मॉडल और कोलकाता नाइट राइडर्स की चीयरलीडर थी। शमी ने मुझे शादी के बाद नौकरी छोड़ने को मजबूर किया। मैं उनसे बहुत प्यार करती थी, इसलिए मैंने गृहिणी बनना स्वीकार किया।” उन्होंने शमी पर उनकी जिंदगी बर्बाद करने की कोशिश का आरोप लगाया। हसीन ने कहा, “मैंने 2018 से 2024 तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। यह मेरी जीत है।”
शमी और हसीन की शादी 2014 में हुई थी। 2015 में उनकी बेटी आयरा का जन्म हुआ। 2018 में हसीन ने जादवपुर पुलिस स्टेशन में शमी और उनके परिवार के खिलाफ FIR दर्ज की। उन्होंने शमी पर घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया। हसीन ने दावा किया कि शमी ने एक पाकिस्तानी महिला से पैसे लिए थे। इससे शमी का BCCI सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट रुक गया, लेकिन बाद में जांच में वे निर्दोष साबित हुए।
2018 में अलीपुर कोर्ट ने शमी को 1.3 लाख रुपये (50,000 हसीन के लिए और 80,000 बेटी के लिए) देने का आदेश दिया था। हसीन ने इसे कम बताकर हाई कोर्ट में अपील की। उन्होंने 7 लाख अपने लिए और 3 लाख बेटी के लिए मांगे। कोर्ट ने शमी की आय को देखते हुए 4 लाख तय किए।
हसीन के वकील इम्तियाज अहमद ने कहा, “यह राशि बढ़कर 6 लाख भी हो सकती है।” कोर्ट ने कहा कि शमी चाहें तो बेटी की पढ़ाई के लिए अतिरिक्त मदद दे सकते हैं। यह मामला शमी की छवि और करियर पर असर डाल सकता है।