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मुंबई सिलसिलेवार बम धमाका: टाइगर मेनन की संपत्ति पर सरकार का कब्जा! 32 साल बाद कोर्ट का बड़ा फैसला

मुंबई की एक विशेष अदालत ने आदेश दिया कि इस महानगर में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के कथित मुख्य...
मुंबई सिलसिलेवार बम धमाका: टाइगर मेनन की संपत्ति पर सरकार का कब्जा! 32 साल बाद कोर्ट का बड़ा फैसला

मुंबई की एक विशेष अदालत ने आदेश दिया कि इस महानगर में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के कथित मुख्य साजिशकर्ता में से एक टाइगर मेमन तथा उसके परिवार की 14 संपत्तियां केंद्र सरकार को सौंपी जाएंगी।

मेमन की 14 संपत्तियों में बांद्रा (पश्चिम) की एक इमारत में एक फ्लैट, माहिम में एक कार्यालय परिसर, माहिम में एक भूखंड, सांताक्रूज (पूर्व) में एक भूखंड और एक फ्लैट, कुर्ला की एक इमारत में दो फ्लैट, मोहम्मद अली रोड पर एक कार्यालय, डोंगरी में एक दुकान और भूखंड, मनीष मार्केट में तीन दुकानें और मुंबई की शेख मेमन स्ट्रीट पर स्थित एक इमारत शामिल है।

मुंबई के विभिन्न हिस्सों में 12 मार्च 1993 को हुए सिलसिलेवार 13 बम धमाकों में 257 लोगों की जान चली गई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। बाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी।

पिछले सप्ताह 26 मार्च को पारित एक आदेश में विशेष टाडा अदालत के न्यायाधीश वी.डी. केदार ने कहा, ‘‘अचल संपत्तियों का कब्जा केंद्र सरकार को सौंप दिया जाना चाहिए।’’

आदेश में कहा गया कि केंद्र को सौंपी जाने वाली संपत्तियां ‘‘ऋणभार से मुक्त’’ हैं और इस तरह ‘‘सक्षम प्राधिकारी के माध्यम से केंद्र सरकार 14 अचल संपत्तियों पर कब्जा पाने की हकदार है।’’

तस्कर और विदेशी मुद्रा छलसाधक (संपत्ति समपहरण) अधिनियम के तहत सक्षम प्राधिकारी ने संपत्तियों को छोड़ने की मांग की थी।

याचिका में कहा गया कि उपरोक्त अधिनियम का कार्य विदेशी मुद्रा छलसाधक और मादक पदार्थों के तस्करों की अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों का पता लगाना और केंद्र सरकार को उन्हें जब्त करने का आदेश देना है।

सीबीआई के अनुसार, 1993 के धमाकों की साजिश कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने आईएसआई के इशारे पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ने अपने गुर्गे टाइगर मेमन और मोहम्मद दोसा की मदद से रची थी।

दाऊद इब्राहिम और टाइगर मेमन अब भी वांछित आरोपी हैं। टाइगर मेमन के भाई याकूब मेमन को इस मामले में दोषी ठहराया गया था और 2015 में उसे मृत्युदंड दिया गया था।

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