केरल में निपाह वायरस ने एक बार फिर दस्तक दी है। 4 जुलाई 2025 को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV), पुणे ने पलक्कड़ की एक 38 वर्षीय महिला में निपाह की पुष्टि की। मलप्पुरम की 18 वर्षीय लड़की की मृत्यु के बाद उसके सैंपल की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है। दोनों के प्रारंभिक टेस्ट कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में पॉजिटिव आए थे। यह खबर द हिंदू की रिपोर्ट में सामने आई।
मलप्पुरम की लड़की को 28 जून को बुखार और सांस की तकलीफ के साथ कोट्टक्कल के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। 1 जुलाई को उसकी मृत्यु हो गई। पोस्टमॉर्टम के बाद निपाह की आशंका जताई गई। पलक्कड़ की महिला को 1 जुलाई को पेरिन्तलमन्ना के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां वह वेंटिलेटर पर है।
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि निपाह प्रोटोकॉल पहले ही लागू कर दिए गए हैं। मलप्पुरम, पलक्कड़ और कोझिकोड में अलर्ट जारी है। 100 से ज्यादा लोगों को हाई-रिस्क कॉन्टैक्ट लिस्ट में रखा गया है। स्वास्थ्यकर्मी और पोस्टमॉर्टम करने वाले कर्मचारी क्वारंटाइन में हैं।
निपाह का मुख्य स्रोत फ्रूट बैट्स माने जाते हैं। पलक्कड़ में मरीज के घर के पास चमगादड़ों की मौजूदगी से जूनोटिक ट्रांसमिशन की आशंका है। मई में मलप्पुरम में एक 42 वर्षीय महिला में निपाह की पुष्टि हुई थी, जो बाद में ठीक हो गई।
ICMR ने 100% सटीकता वाला पोर्टेबल निपाह डिटेक्शन किट विकसित किया है। CEPI के साथ मिलकर निपाह के लिए mRNA वैक्सीन पर काम चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने तीन किलोमीटर के दायरे में कंटेनमेंट जोन बनाए हैं और अस्पतालों में सख्त प्रोटोकॉल लागू किए हैं। यह केरल में 2018 के बाद से निपाह का बार-बार उभरना चिंता का विषय है।