भारत और न्यूजीलैंड के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए पांच दिवसीय वार्ता शुक्रवार को पूरी हुई। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस कवायद का मकसद द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है।
एफटीए से दोनों देशों के बीच व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए नए रास्ते खोलने में मदद मिलेगी।
आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के अनुसार वार्ता में एक बड़ी चुनौती शुल्क संरचनाओं में असमानता है। न्यूजीलैंड का औसत आयात शुल्क केवल 2.3 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि भारतीय वस्तुओं को पहले से ही इसके बाजार तक पर्याप्त पहुंच है। इसके विपरीत, भारत का औसत शुल्क 17.8 प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि उसे महत्वपूर्ण कटौती करनी होगी। ऐसे में भारत के लिए एफटीए कम आकर्षक होगा।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 87.34 करोड़ डॉलर था। इसमें 53.83 करोड़ डॉलर का निर्यात और 33.5 करोड़ डॉलर का आयात शामिल है।