दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक्स कॉर्प और गूगल इंक को भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (आईआरपीएस) अधिकारी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की बेटी अंजलि बिड़ला के खिलाफ प्रथम दृष्टया अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने अंजलि बिड़ला द्वारा अपने मानहानि मुकदमे में उल्लिखित कथित मानहानिकारक सामग्री को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पोस्ट करने, प्रसारित करने, संचार करने, ट्वीट करने या रीट्वीट करने से अज्ञात पक्षों को भी रोक दिया।
उच्च न्यायालय ने कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट को मध्यस्थों द्वारा 24 घंटे के भीतर हटा दिया जाएगा, और यदि वादी को किसी अन्य समान पोस्ट के बारे में पता चलता है, तो वह एक्स और गूगल को इसके बारे में सूचित करेगी।
उच्च न्यायालय ने मुकदमे पर एक्स, गूगल, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और अज्ञात पक्षों को भी नोटिस जारी किया और उन्हें चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा।
अधिकारी ने उन सोशल मीडिया पोस्टों को हटाने के निर्देश देने की मांग की है, जिनमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने पिता के प्रभाव के कारण अपने पहले ही प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास कर ली।
उसके वकील ने प्रस्तुत किया कि वह यूपीएससी, केंद्रीय सेवा परीक्षा (सीएसई) के लिए उपस्थित हुई थी और उसे 2019 की समेकित आरक्षित सूची में चुना गया था। वह एक आईआरपीएस अधिकारी के रूप में भारतीय रेलवे में शामिल हुई।