ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान को एक सख्त और स्पष्ट संदेश दिया है—"भय बिनु होय न प्रीति"। सोमवार को थलसेना, नौसेना और वायुसेना के शीर्ष अधिकारियों ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस सैन्य कार्रवाई की जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि यह ऑपरेशन पूरी तरह पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी ढांचे और उनके समर्थन तंत्र को निशाना बनाकर किया गया था, न कि पाकिस्तान की सेना के विरुद्ध। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की सभी सैन्य तैयारियां पूरी हैं और देश के सभी एयरबेस पूरी तरह सुरक्षित, सक्रिय और किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार हैं।
ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के भीतर 11 एयरबेस को सफलतापूर्वक निशाना बनाकर भारी नुकसान पहुंचाया गया है। साथ ही 7 से 10 मई के बीच एलओसी पर हुई कार्रवाई में भारत ने करीब 35 से 40 पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर किया। वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि यह युद्ध पारंपरिक युद्धों से बिल्कुल भिन्न था—यह तकनीक आधारित, सेंसर नेटवर्क और रियल टाइम डाटा पर आधारित था। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में कोई युद्ध होता है तो वह भी बिल्कुल अलग तरह का होगा। यह एक बिल्ली और चूहे का खेल है जिसमें आगे रहना जरूरी है।
भारतीय सेना ने पाकिस्तानी हमलों के जवाब में तुर्की मूल के YIHA और Songar ड्रोन को मार गिराया है। इसके अलावा चीन निर्मित PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल के अवशेष भी सेना ने मीडिया को दिखाए, जो पाकिस्तान ने भारत पर दागा था। एयर मार्शल भारती ने बताया कि स्वदेशी तकनीक से विकसित 'आकाश' एयर डिफेंस सिस्टम और 'सॉफ्ट-हार्ड किल' एंटी-ड्रोन तकनीक ने कमाल का प्रदर्शन किया और हर चरण में पाकिस्तानी हमलों को निष्क्रिय किया गया। उन्होंने कहा कि यह संभव हो पाया है सरकार के नीति और बजट सहयोग से, जो पिछले एक दशक में काफी मजबूत हुआ है।
नौसेना की तैयारियों पर बात करते हुए वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि भारत की समुद्री सीमाओं की निगरानी मल्टी-सेंसर सिस्टम्स द्वारा निरंतर की जा रही है और एक मजबूत लेयरड एयर डिफेंस नेटवर्क तैनात है, जो ड्रोन, मिसाइल, फाइटर जेट्स और सर्विलांस एयरक्राफ्ट जैसे सभी खतरों का जवाब देने में सक्षम है। सेना की ओर से जारी वीडियो में रामधारी सिंह दिनकर की कविता की पंक्तियां—"विनय ना मानत जलधि जड़, गए तीन दिन बीति। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होय न प्रीति"—प्रमुख रूप से दिखाई गईं। इस पर एयर मार्शल भारती ने कहा कि यह कविता स्पष्ट संकेत देती है कि जब शांति की भाषा न समझी जाए, तो शक्ति का प्रयोग आवश्यक हो जाता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि हाल के वर्षों में आतंकी गतिविधियों का स्वरूप बदल गया है और अब सीधे निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 'पहलगाम तक पाप का घड़ा भर चुका था', और यह कार्रवाई एक संकल्पित उत्तर है। उन्होंने क्रिकेट का एक उदाहरण देते हुए कहा—"Ashes to ashes, dust to dust, if Thommo don’t get ya, Lillee must"—इसका मतलब है कि भारत की बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली में यदि एक परत से कोई बच भी जाए तो दूसरी परत उसे ज़रूर रोकेगी।
शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच सभी सीमाओं—जमीन, समुद्र और आकाश—पर युद्धविराम की सहमति बनी थी, लेकिन उसी रात पाकिस्तान ने एक बार फिर संघर्षविराम का उल्लंघन किया। जम्मू-कश्मीर में कई इलाकों में ड्रोन देखे गए और धमाकों की आवाजें सुनी गईं। इसके बाद भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान से कहा कि वह स्थिति को गंभीरता और ज़िम्मेदारी से संभाले।
सेना के अधिकारियों ने यह भी कहा कि अगर भविष्य में फिर कोई खतरा उत्पन्न हुआ तो भारत की सेना हर मोर्चे पर पूरी ताकत और तैयारी के साथ जवाब देने को तैयार है। ऑपरेशन सिंदूर भारत की रणनीतिक सोच, सैन्य क्षमता और बदली हुई नीति का प्रमाण है, जो स्पष्ट करता है कि अब भारत आतंकी हमलों का मौन दर्शक नहीं रहेगा, बल्कि हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देगा।