10 मई, 2025 को भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तान के खिलाफ चार सटीक मिसाइल हमले किए, जिससे पाकिस्तान की वायुसेना और रक्षा प्रणाली को भारी नुकसान पहुंचा। इन हमलों में राफेल विमानों से लॉन्च की गई SCALP मिसाइलों और सुखोई-30 MKI से दागी गई ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग किया गया। पहला हमला रावलपिंडी के चकला स्थित नूर खान एयरबेस पर किया गया, जो पाकिस्तान की उत्तरी वायु कमान का मुख्यालय है।
इन हमलों के बाद पाकिस्तान ने "ऑपरेशन बुनियान अल-मरसूस" नामक जवाबी कार्रवाई शुरू की, जिसका उद्देश्य 48 घंटे में भारतीय वायुसेना के ठिकानों को नष्ट करना था। हालांकि, यह ऑपरेशन मात्र आठ घंटे में समाप्त हो गया, और पाकिस्तान ने अमेरिका से युद्धविराम के लिए हस्तक्षेप की अपील की।
भारतीय वायुसेना ने इन हमलों के दौरान पाकिस्तान के कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें जैकबाबाद और भोलारी एयरबेस शामिल हैं। इसके अलावा, भारतीय S-400 वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के SAAB-2000 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग सिस्टम को 315 किलोमीटर दूर तक मार गिराया।
इन हमलों में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के C-130J ट्रांसपोर्ट विमान, एक JF-17 और दो F-16 लड़ाकू विमानों को भी नष्ट किया। इसके अलावा, लाहौर में चीनी निर्मित LY-80 वायु रक्षा प्रणाली और कराची के मलिर में HQ-9 प्रणाली को भी नष्ट किया गया।
भारतीय नौसेना ने भी कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला करने की तैयारी कर ली थी, लेकिन पाकिस्तान के DGMO ने भारत से युद्धविराम की अपील की, जिससे यह हमला टाल दिया गया।
इन हमलों के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका से युद्धविराम के लिए हस्तक्षेप की अपील की, और 10 मई की दोपहर तक पाकिस्तान ने युद्धविराम की मांग की।
इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान की वायुसेना और रक्षा प्रणाली को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया और भारत की सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन किया।