सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी मीडिया चैनलों, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की है। मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही से संबंधित किसी भी जानकारी का सीधा प्रसारण न किया जाए। दरअसल, इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाओं को कवर करने को लेकर मीडिया पर सवाल उठ चुके हैं। ऐसे में प्रसारण मंत्रालय ने पहले ही मीडिया को सतर्क कर दिया है और सलाह दी है।
एडवाइजरी में कहा गया है, "राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से अनुरोध है कि वे सुरक्षा संबंधी अभियानों से जुड़े मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय अत्यधिक जिम्मेदारी बरतें। मौजूदा कानूनों और विनियमों का सख्ती से पालन करें।" मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि संवेदनशील जानकारी का असावधानीपूर्वक प्रसारण राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।
पुलवामा हमले के दौरान कुछ मीडिया चैनलों द्वारा सुरक्षा बलों की तैनाती और उनके ठिकानों की विस्तृत जानकारी प्रसारित करने पर सवाल उठे थे। विशेषज्ञों और रक्षा विश्लेषकों ने तर्क दिया था कि ऐसी जानकारी आतंकवादी समूहों तक पहुंच सकती है, जिससे सुरक्षा बलों के लिए जोखिम बढ़ जाता है। एडवाइजरी में कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकवादी हमले और कंधार विमान अपहरण जैसी पिछली घटनाओं का हलवा दिया गया है।
मंत्रालय की यह सलाह इन घटनाओं से सबक लेते हुए उठाया गया कदम माना जा रहा है। यह दिशानिर्देश न केवल रक्षा अभियानों की गोपनीयता सुनिश्चित करेगा, बल्कि जनता में अनावश्यक भय और अफवाहों को भी रोकेगा। मंत्रालय ने मीडिया से अपील की है कि वे केवल सत्यापित और प्रामाणिक जानकारी ही साझा करें। यह सलाह सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो अक्सर अनजाने में संवेदनशील जानकारी साझा कर देते हैं। मंत्रालय ने सभी से जिम्मेदार और सुरक्षित सूचना प्रसार की अपील की है, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता न हो।