भारतीय सेना के डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने 4 जुलाई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान-चीन गठजोड़ को बेनकाब किया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पहलगाम हमले (22 अप्रैल) में 26 लोगों की हत्या के जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन शुरू किया। भारत ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने खुलासा किया कि पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान चीन ने हर संभव समर्थन दिया। डीजीएमओ स्तर की बातचीत के दौरान चीन ने भारत के सैन्य ठिकानों की लाइव अपडेट्स पाकिस्तान को दीं। सिंह ने कहा, “चीन अपनी हथियारों की टेस्टिंग के लिए पाकिस्तान को ‘लाइव लैब’ की तरह इस्तेमाल करता है।” पाकिस्तान की 81% सैन्य हार्डवेयर चीनी है, जिसमें HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम और JF-17 जेट शामिल हैं, जो भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल और S-400 सिस्टम के सामने नाकाम रहे।
7-10 मई के चार दिन के संघर्ष में भारत ने रावलपिंडी के नूर खान और शोरकोट एयरबेस सहित 11 पाकिस्तानी ठिकानों पर हमला किया। पाकिस्तान ने जवाबी ड्रोन और मिसाइल हमले किए, लेकिन भारत ने इन्हें नाकाम कर दिया। 10 मई को अमेरिका की मध्यस्थता और सऊदी अरब के हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति जताई। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत से संपर्क किया था।
पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत के ठिकानों को नुकसान पहुंचाया, लेकिन भारत ने इन दावों को खारिज किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पाकिस्तान को आतंकवाद छोड़ना होगा, वरना भारत जवाब देगा।” ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक संयम को दिखाया, जबकि पाक-चीन की कमजोरियां उजागर हुईं।