पाकिस्तान समर्थित हैकरों ने भारतीय सेना से जुड़ी वेबसाइट्स को निशाना बनाकर साइबर हमला करने की कोशिश की। लेकिन भारत की मजबूत साइबर सुरक्षा प्रणाली ने इन प्रयासों को पूरी तरह नाकाम कर दिया। यह हमला 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ते तनाव के बीच हुआ है। भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान आधारित हैकर समूह "IOK हैकर" (इंटरनेट ऑफ खलीफा) ने सेना की सार्वजनिक वेबसाइट्स को निशाना बनाया।
हैकरों ने आर्मी पब्लिक स्कूल (एपीएस) श्रीनगर और रानीखेत, आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गनाइजेशन (एडब्ल्यूएचओ) डेटाबेस, और भारतीय वायुसेना की प्लेसमेंट पोर्टल को निशाना बनाया। इन हमलों में वेबसाइट्स को खराब करने, डेटा चुराने, और श्रीनगर के एपीएस पोर्टल पर डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (डीडीओएस) हमले शामिल थे। हमलावरों ने वेबसाइट्स पर भड़काऊ संदेश और पाकिस्तानी झंडे के साथ "साइट हैक्ड" जैसे संदेश पोस्ट किए।
भारत की साइबर सुरक्षा प्रणाली ने रीयल-टाइम में इन हमलों का पता लगाकर तुरंत कार्रवाई की। प्रभावित वेबसाइट्स को ऑफलाइन कर बहाली की प्रक्रिया शुरू की गई, और किसी भी संवेदनशील या ऑपरेशनल नेटवर्क को नुकसान नहीं पहुंचा। भारतीय सेना के एक अधिकारी ने कहा, "हमारी साइबर सुरक्षा ढांचा मजबूत है, और हम डिजिटल बुनियादी ढांचे की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
यह हमला पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए कड़े कदमों, जैसे सिंधु जल संधि निलंबन और 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध, के जवाब में देखा जा रहा है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान समर्थित समूह, जैसे ट्रांसपेरेंट ट्राइब (एपीटी36), भविष्य में और परिष्कृत हमले कर सकते हैं। भारत की साइबर एजेंसियां इन खतरों से निपटने के लिए चौकस हैं।