पाकिस्तान ने शनिवार को 450 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल 'अब्दाली वेपन सिस्टम' का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण 'एक्सरसाइज इंडस' के तहत किया गया। इसका उद्देश्य सैन्य बलों की परिचालन तत्परता सुनिश्चित करना और मिसाइल के उन्नत नेविगेशन सिस्टम व बेहतर गतिशीलता सुविधाओं जैसे तकनीकी मापदंडों को मान्य करना था। यह कदम जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच उठाया गया है।
पाकिस्तान की सेना के मीडिया विंग, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने बयान जारी कर कहा कि परीक्षण को आर्मी स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड के कमांडर, स्ट्रैटेजिक प्लान्स डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने देखा। बयान में दावा किया गया कि यह परीक्षण पाकिस्तान की रक्षा क्षमता को मजबूत करने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हालांकि, भारत ने इस परीक्षण को उकसावे के रूप में देखा है, खासकर तब जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर पूर्ण प्रतिबंध, सिंधु जल संधि का निलंबन और भारतीय हवाई क्षेत्र को पाकिस्तानी उड़ानों के लिए बंद करना शामिल है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने हाल ही में दावा किया था कि भारत सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है, जिसके जवाब में पाकिस्तान अपनी सैन्य तैयारियों को मजबूत कर रहा है।
अब्दाली मिसाइल, जिसे हत्फ-2 के नाम से भी जाना जाता है, एक सॉलिड-प्रोपेलेंट शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे 2005 में सेवा में शामिल किया गया था। यह मिसाइल पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है। विश्लेषकों का मानना है कि यह परीक्षण भारत के प्रति पाकिस्तान की आक्रामक रणनीति का हिस्सा हो सकता है, खासकर तब जब भारत अपनी मिसाइल रक्षा प्रणाली को मजबूत कर रहा है। यह परीक्षण दक्षिण एशिया में बढ़ती हथियारों की होड़ और क्षेत्रीय अस्थिरता की आशंकाओं को और गहरा सकता है।