दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा चूक की घटना के संबंध में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। संसद पर 2001 को हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग- सागर शर्मा और मनोरंजन डी सदन के भीतर कूद गए, उन्होंने नारेबाजी की और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। इस बीच कुछ सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया।
लगभग उसी वक्त दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम देवी- ने संसद परिसर के बाहर ‘केन’ से रंगीन धुआं छोड़ा और ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ के नारे लगाए। पुलिस ने कहा कि इस घटना की योजना छह लोगों ने मिल कर बनाई थी और ये चारों लोग उसी समूह का हिस्सा हैं।
अधिकारियों ने बताया कि घटना के संबंध में संसद मार्ग पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 452 (बिना मंजूरी के प्रवेश), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 186 (लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा पहुंचाना) और 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल का इस्तेमाल करना अथवा हमला) और यूएपीए की धारा 16 तथा 18 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले संसद की सुरक्षा में बुधवार को हुई सेंधमारी की घटना में शामिल छह में से पांच आरोपियों को पकड़ लिया गया है। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार अच्छी तरह से समन्वित, सावधानीपूर्वक रची गई साज़िश के जरिए छह आरोपियों ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाई।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी अमोल शिंदे और नीलम को संसद भवन के बाहर से पकड़ा गया, जबकि सागर शर्मा और मनोरंजन डी को लोकसभा के अंदर से पकड़ा गया। ये पुलिस की हिरासत में हैं। पुलिस को संदेह है कि उनके दो और साथी ललित और विशाल भी हैं। सूत्रों ने बताया कि विशाल को गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है, जबकि ललित को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस के दलों को विभिन्न स्थानों पर भेजा गया है।