रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) कार्यक्रम के निष्पादन मॉडल को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना और मजबूत घरेलू एयरोस्पेस उद्योग को विकसित करना है। इस परियोजना को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ मिलकर लागू करेगी। AMCA एक पांचवीं पीढ़ी का मध्यम-वजन स्टील्थ फाइटर जेट है, जिसे DRDO द्वारा लगभग 15,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने 7 मार्च 2024 को इस परियोजना को मंजूरी दी थी।
पहले दो स्क्वाड्रन GE-F414 इंजनों का उपयोग करेंगे, जबकि अगले पांच में 110 किलोन्यूटन के स्वदेशी इंजन होंगे। प्रोटोटाइप का विकास 2028 तक और बड़े पैमाने पर उत्पादन 2035 तक शुरू होने की उम्मीद है। AMCA में उन्नत सेंसर फ्यूजन, आंतरिक हथियार बे और सर्पेंटाइन एयर-इनटेक जैसी स्टील्थ विशेषताएं होंगी। यह परियोजना निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देगी, जिसमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अन्य कंपनियां शामिल होंगी।
यह कदम भारत की आत्मनिर्भर भारत पहल का हिस्सा है, जो स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देता है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारतीय कंपनियां व्यक्तिगत रूप से, संयुक्त उद्यम या कंसोर्टिया के माध्यम से बोली लगा सकती हैं। ADA जल्द ही AMCA विकास चरण के लिए रुचि पत्र (EoI) जारी करेगा। यह परियोजना भारत को वैश्विक एयरोस्पेस क्षेत्र में अग्रणी बनाने और आतंकवाद के खिलाफ मजबूत रक्षा क्षमता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।