पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से गन-कल्चर को रोकने के लिए सभी मौजूदा हथियार लायसैंसों की समीक्षा करने के निर्देश दिए जाने से डीजीपी गौरव यादव ने राज्य भर में बंदूक घरों सम्बन्धी सभी दुकानों और परिसरों के स्टाक की तिमाही आधार पर जांच करने के आदेश दिए हैं।
डीजीपी ने राज्य की सभी रेंजों के आईजी,डीआईजीज़ और सभी सीपीज़, ऐसपीज़ को निर्देश जारी करते हुये कहा कि पंजाब पुलिस नियम, 1934 का नियम 20. 14 पुलिस के गज़टिड अधिकारियों को आर्मज़ एक्ट के अधीन हर तिमाही में सभी लायसंसशुदा निर्माताओं और डीलरों की दुकानों और अहातों के स्टाक की जांच करने के लिए अधिकृत करता है।
डीजीपी गौरव यादव ने सभी सीपीज़/ ऐसऐसपीज़ को यह यकीनी बनाने के लिए निर्देश दिए कि डीऐसपीज़/एसीपी हर तिमाही में अपनी सब डिवीजनों में पड़ते सभी गन्न हाऊसों, हथियारों से सम्बन्धित दुकानों और अहातों के स्टाक की लाजि़मी तौर पर जांच करें। इसके इलावा उन्होंने जि़ला पुलिस सुपरडैंट को हर साल कम से कम एक बार निरीक्षण करने की भी हिदायत की है।
जि़क्र योग्य है पंजाब में भारत की कुल आबादी का सिर्फ़ 2 फीसद मौजूद है, परन्तु पंजाब में कुल लायसैंसशुदा हथियारों का लगभग 10 फीसद मौजूद है, जो लगभग 4 लाख के करीब बनता है, या पंजाब में हर 1000 व्यक्तियों के पीछे 13 बंदूकों के लायसेंस हैं।
यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से अंतरराष्ट्रीय सरहद और अंतर-राज्य़ीय सरहदों से ग़ैर-कानूनी हथियारों की बड़ी आमद होती है। चाहे हथियार ग़ैर- कानूनी तौर पर समाज विरोधी तत्वों की तरफ से खऱीदे जाते हैं, गोला-बारूद ज़्यादातर पंजाब के स्थानीय गन्न हाऊसों से लिया जाता है।
डीजीपी ने कहा कि गज़टिड पुलिस अधिकारियों द्वारा गन्न हाऊसों की जांच के बुनियादी पुलिस अभ्यास को लागू करने की तत्काल ज़रूरत है, जिसके लिए नियमों अनुसार उनको समर्थ किया गया है, जिससे स्टाक पर नजऱ रखी जा सके और गोला-बारूद की अनाधिकृत फऱोख़्त और लायसंसशुदा हथियारों के दुरुपयोग को रोका जा सके।
इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य के सभी मौजूदा हथियार लायसैंसों की समीक्षा करने के निर्देश देने के साथ-साथ यह भी आदेश दिए थे कि यदि पिछले समय के दौरान किसी समाज विरोधी तत्व को लायसेंस जारी किया गया है तो उसे तुरंत रद्द कर दिया जाये। इसी तरह, यह भी हुक्म दिया गया था कि आने वाले तीन महीनों में कोई नया लायसेंस आम तौर पर जारी न किया जाये और यह भी कहा गया कि लायसेंस सिर्फ़ वहीं जारी किया जाना चाहिए जहाँ इसकी बहुत ज़्यादा और वास्तविक ज़रूरत हो। पंजाब सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों सहित हथियारों और गोला-बारूद की सार्वजनिक प्रदर्शनी पर भी पूरी तरह पाबंदी लगा दी है।
इस दौरान, सीपीज़/ ऐसऐसपीज़ को प्रोवीज़निंग विंग की आर्मामैंट शाखा को जि़ला-बार तिमाही रिपोर्टें भेजने के लिए भी कहा गया है, जबकि, सभी रेंज के आईजीपीएस/ डीआईजीज़ को निगरानी करने के लिए कहा गया है।