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कृषि विधेयकों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा में रेल लाइनों, सड़कों पर डटे प्रदर्शनकारी किसान

कोरोना के चलते कई इलाकों में लगी धारा 144 की परवाह न करते हुए पंजाब व हरियाणा के हजारों प्रदर्शनकारी...
कृषि विधेयकों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा में रेल लाइनों, सड़कों पर डटे प्रदर्शनकारी किसान

कोरोना के चलते कई इलाकों में लगी धारा 144 की परवाह न करते हुए पंजाब व हरियाणा के हजारों प्रदर्शनकारी किसान सड़को पर हैं।

कोरोना महामारी से बचाव के लिए इनमें से ज्यादातर ने मास्क भी नहीं पहने हुए। हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदंर सिंह ने प्रदर्शनकारी किसानों को मास्क पहनने की अपील की है,पर सीएम की अपील का भी कोई असर किसानांे पर नहीं दिख रहा है।

कृषि-किसानी से जुड़े तीन विधेयकों पर केंद्र सरकार के विरोध मंे उतरे किसान संगठनों ने शुक्रवार के  राष्ट्रव्यापी बंद के चलते पंजाब, हरियाणा के अधिक राष्ट्रीय- राज मार्गों व रैल लाइनांे पर गाड़े तंबुओं मंे धरने पर बैठे हैं।

हरियाणा मंे आज बंद है जबकि पंजाब के किसान 26 सितंबर तक सड़कांे व रेल लाइनांे पर डटें रहेंगे। पंजाब में किसानांे के िवरोध प्रदर्शन को सत्तारुढ़ कांग्रेस,शिरोमणी अकाली दल,आम आदमी पार्टी समेत धार्मिक-सामाजिक संगठनांे में शिरोमणी गरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और नामी पंजाबी गायकांे और फिल्मी कलाकारांे का भी पूरा समर्थन हैं।

पंजाब रोडवेज कर्मचारी यूनियनों और निजी बस ऑपरेटरों ने भी आंदोलन को समर्थन दिया है। पंजाब में सरकारी व निजी बसों का संचालन भी नहीं हो रहा। उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जहां किसानों से अपील की है कि वो अमन कानून की स्थिति को बनाए रखें, वहीं उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को संकीर्ण राजनैतिक हितों से ऊपर उठने का आह्वान किया है। इधर हरियाणा सरकार ने पुलिस को प्रदर्शनकारी किसानांे से नरमी बरतने के निर्देेश दिए हैं।

   पंजाब में 24 सितंबर से ही किसान रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए हैं। राज्य में 200 से अधिक जगह विभिन्न संगठनों की तरफ से प्रदर्शन किए जा रहे हैं। बड़ी संख्या में किसान अंबाला से अमृतसर और जम्मू जाने वाले रेलवे ट्रैक पर बिस्तरे बिछाकर लेटे हुए हैं। पंजाब के 31 किसान संगठन और राजनैतिक पार्टियां इस बंद को समर्थन कर रही हैं। शुक्रवार को पंजाब के कई शहरांे में दूध, सब्जियांे व ब्रेड की आपूर्ति ठप रही। अमृतसर, फिरोजपुर, नाभा और बरनाला समेत कई जगह रेल ट्रैक बंद हैं। पंजाब के किसान संगठनों के अनुसार शनिवार रात तक बच्चों व महिलाओं के साथ वे रेल लाइनांे पर डटे रहेंगे।

 हरियाणा में एक दिन के बंद मंे प्रदेशभर के किसान संगठन और कुछ राजनीतिक दल शामिल हो रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में बंद के आयोजन में प्रदेशभर में कांग्रेस और इनेलो कार्यकर्ता भी शामिल हैं। हरियाणा के शहरों की में बंद का असर मिलाजुला है। शहरों में कुछ दुकानें खुली हैं तो कुछ बंद हैं। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है कि जहां पर किसान संगठनों की ताकत होगी, वहां रोड जाम किया है,जहां पर संख्या कम होगी वहां धरना प्रदर्शन और जुलूस निकाले जा रहे हैं।

इधर  हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। परंतु कानून किसी को नहीं तोड़ने दिया जाएगा। कहीं भीड़ इकट्ठा की जाती है तो उसके लिए अनुमित की शर्त रखी गई है। जिसमें आयोजक का नाम भी बताना होगा। कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा। किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। विज ने डीजीपी को निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस व्यवस्था की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि संपूर्ण स्थिति से निपटते हुए आमजन की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है। हरियाणा में दूध, सब्जी व अन्य चीजों की आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ा है।

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