वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए माननीय को अपनी गाड़ी से लाल बत्ती हटने का मलाल है। उन्हें नहीं लग रहा है कि वे खास हैं। आम से अलग कुछ खास की फिर वही पहचान के लिए माननीय की गाड़ी पर एक विशेष झंडी की पहल हरियाणा करने जा रहा है। मंगलवार को हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर विधायकों को झंडी वाली गाड़ी के लिए हरी झंडी देंगे।
लाल बत्ती हटने के बाद अब हरियाणा सरकार विधायकों के एक व्यक्तिगत वाहन को आम आदमी से अलग पहचान दिलाने के लिए एक झंडी लगवा रही है जिस पर विधायक लिखा है। गाड़ी पर झंडी लगवाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्रियों को छोड़कर राज्य के सभी विधायकों को न्यौता दिया है। कोरोना काल में खास दिखने के लिए गाड़ी पर झंडी लगवाने की होड़ में सत्तारुढ़ भाजपा के अधिकतर विधायकों ने विधानसभा पहुंचने की लिखित सहमति भी अध्यक्ष को भेज दी है। नेता प्रतिपक्ष एंव पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कल अपनी गाड़ी पर झंडी लगवाने के लिए विधानसभा में नहीं पहुंच पाने की लिखित सूचना अध्यक्ष को दी है। कांग्रेस के अधिकतर विधायकों ने कल के झंडी समारोह से दूरी बनाने का फैसला किया है। कोरोना संकम्रण के चलते जजपा प्रमुख एंव उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी मंगलवार को सदन से गैरहाजिर रहेंगे।
आउटलुक से बातचीत में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि वीआईपी कल्चर खत्म करने की दिशा में लाल बत्ती हटाने की पहल हुई है पर वरिष्ठ आईएएस व आईपीएस अधिकारियों की पहचान के लिए झंडी का प्रावधान है ठीक उसी तर्ज पर जनप्रतिनिधी विधायकों की पहचान के लिए झंडी का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि एक विधायक को उसके सरकारी वाहन पर झंडी लगाने की अनुमति होगी। विधानसभा का होलोग्राम लगी यह झंडी बकायदा विधानसभा द्वारा जारी की जाएगी। विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने पर विधायकों को यह झंडी विधानसभा में जमा करानी होगी। गुप्ता ने कहा कि जब उच्च प्रशासनिक और पुलिस अधिकारीयों को अपनी पहचान के लिए वाहनों पर झंडी लगाने का हक है तो फिर जनप्रतिनिधियों को यह हक क्यों नहीं मिलना चाहिए? उन्होंने कहा कि विधायक के पद की गरिमा, मुख्य सचिव के पद से कम नहीं है। झंडी से वरिष्ठ आईएएस और पुलिस अफसर की पहचान है वैसे ही आम लोगों को झंडी से विधायक के वाहन की पहचान करने में आसानी होगी जिससे उनके पद की गरिमा के अनुरूप व्यवहार हो सके।
उल्लेखनीय है कि देश में वीआईपी कल्चर खत्म करने की दिशा में पीएम से लेकर सीएम, विधायकों,सांसदों व मंत्रियों के वाहनों से लाल बत्ती हटी तो सड़कों पर आम और खास आदमी की पहचान का अंतर खत्म हो गया। लेकिन हरियाणा के विधायकों को सड़क पर अपनी अलग पहचान चाहिए जिसकी लंबे समय से वे विधानसभा अध्यक्ष से मांग कर रहे थे। डब्बावली से कांग्रेस के विधायक अमित सिहाग ने आउटलुक से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी के ज्यादातर विधायकों की अपनी कारों पर झंडी लगवाने की कोई मांग नहीं रही है, सार्वजनिक स्थलों पर विधायकों की अलग पहचान कायम करने की यह अनुशंसा विधानसभा अध्यक्ष की है। पहचान विधायक के वाहन पर लगी मैरुन रंग की एक झंडी करवाएगी जिस पर ‘हरियाणा विधानसभा एमएलए' लिखा होगा। हालांकि लाल बत्ती की तरह ही विधायक के वाहन पर लगने वाली झंडी के बारे में भी कुछ नियम तय किए गए हैं। विधायक के वाहन में मौजूद नहीं होने पर, गाड़ी को झंडी लगाकर नहीं चलाया जाएगा। झंडी का दुरुपयोग रोकने की कोशिश है।