केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 50 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों ने डरी भाजपा ने अपनी किसान महापंचायत रैलियां रद्द करने का फैसला किया है। हरियाणा के करनाल जिले के गांव कैमला में रविवार को किसानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को रैली नहीं करने दी। इससे पहले 20 दिसंबर को नारनौल में सीएम ने किसान महापंचायत रैली की थी और भी ऐसी रैलियां करने के निर्देश भाजपा हाइकमान ने प्रदेश भाजपा को दिए थे। इन रैलियों के माध्यम से किसानों को तीन कृषि कानूनों के फायदे गिना कर किसानों को इनके पक्ष में करने के आदेश भाजपा हाईकमान ने दिए हैं। इसके मद्देनजर ही पूरे प्रदेश में भाजपा ने किसान महापंचायत रैलियों के कार्यक्रम बनाए थे। रविवार को करनाल के कैमला में सीएम की रैली से पहले किसानों रैली स्थल पर की गई तोड़ फोड़ के जवाब में पुलिस द्वारा लाटी जार्च की घटना को देखते हुए सीएम रैली में शामिल नहीं हो पाए। सीएम के वहां पहुंचने से पहले ही कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पहुंच गए और काले झंडे लहराते हुए नारेबाजी करने लगे। उन्होंने मंच पर भी तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों ने सीएम के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए बने हेलीपैड को भी खोद दिया, इस वजह से रैली स्थल पर पहुंचने के बावजूद खट्टर का हेलीकॉप्टर वहां लैंड नहीं कर सका।
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि उन्हें अपना हेलीकॉप्टर करनाल में लैंड कराना पड़ा और वे चाहते तो करनाल से सड़क मार्ग द्वारा कैमला रैली में भाग ले सकते थे पर कानून व्यवस्था और बिगड़ने के हालात को भांपते हुए उन्होंने चंडीगढ़ लौटना ठीक समझा। क्या भविष्य मंे होने वाली किसान महापंचायतें रुद्द कर दी गई हैं,के सवाल पर कुछ भी स्पष्ट कहने से बचने वाले सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह पार्टी तय करेगी कि किसान महापंचायतें जारी रखनी हैं या नहीं।
सीएम की कैमला किसान महापंचायत में किसानों द्वारा तोड़ फोड करने के सवाल पर भारतीय किसान यूनियन की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है, "हां, हमने सीएम को रैली करने से रोका। भाजपा ने कहा था कि किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए 700 रैलियां की जाएंगी। चढूनी ने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते और केंद्र सरकार एमएसपी को कानूनी तौर पर गारंटी नहीं देती तब तक आंदोलन भी जारी रहेगा और किसान भाजपा के तमाम नेताओं की हरियाणा में ऐसी रैलियों का विरोध करते रहेंगे।"
सीएम खट्टर की करनाल रैली रद्द कराने से पहले जींद जिले में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को भी अपनी एक रैली इसलिए रद्द करनी पड़ी कि वहां भी आंदोलनकारी किसानों ने दुष्यंत के पहुंचने से पहले हेलीपैड खोद दिया था।