किसान आंदोेलन को कमजोर करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनएआई)ने आंदोलन समर्थित जिन 50 से अधिक पंजाब के लोगाों को तलब किया है वे जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं। इनमें एनजीओ,एक्टर और कारोबारी हैं जिन्हें एनएआई ने 17 व 18 जनवरी को एनएआई के दिल्ली स्थित मुख्यालय में पेश होने के लिए बुलाया था। इन पर आरोप हैं कि वे खालिस्तान समर्थक आंतकी गुरवंत पन्नू की मदद से किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। अमृतसर की एक एनजीओ के प्रमुख बलदेव सिरसा के अलावा पंजाबी एक्टर दीप सिंह सिद्धू और उनके भाई मनदीप भी एनएआई के समक्ष पेश नहीं हुए हैं। एनएआई द्वारा तलब किए गए तमाम लोगों ने तय किया कि वे किसान संयुक्त मोर्चा की ओर से आदेश मिलने पर ही एनआईए के सामने पेश हो सकते हैं। एनएआई का समन पाने वाले बलदेव सिंह सिरसा ने मोर्चा के मंच से एक चिट्ठी पढ़कर सभी को सुनाई जिसे दिल्ली भाजपा की चिट्ठी बताया जा रहा है। चिट्ठी में आरएसएस के सदस्यों को संबोधित कर कहा गया है कि वे किसी भी सूरत में सरकारी सम्पत्ति या भाजपा कार्यालयों को नुकसान न होने दें।
चिट्ठी में कहा गया है कि किसान आंदोलन में कुछ देशद्रोही व गैर-जिम्मेदाराना लोग शामिल हैं जिनसे निपटने के लिए हर समय तैयार रहना होगा। मंच से किसानों को संदेश दिया गया कि वे किसी भी साजिश के शिकार हो सकते हैं। ऐसे में पूरी तरह से चौकन्ने रहें और आंदोलन को कमजोर न होने दें। 56 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन में शामिल कुछ किसानों व सेवादारों को पिछले दिनों एनआईए ने नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। एनआईए का कहना है कि इन लोगों पर संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने व प्रतिबंधित संगठनों से धन लेने का शक है। यही कारण है कि इस मामले में जांच की जा रही है।
लगातार किसानों को नोटिस मिलने के बाद मंगलवार को मंच से किसानों ने ऐलान किया कि वे किसी भी जांच एजैंसी की जांच में शामिल होने के लिए पेश नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि सीधे तौर पर सरकार किसान आंदोलन को दबाने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रही है लेकिन किसान आंदोलन को कमजोर नहीं होने देंगे। किसानों ने कहा कि सरकार की साजिश है कि किसानों को सुरक्षा एजैंसियों के जरिए डराया-धमकाया जाए। बलदेव सिरसा ने कहा कि वे कभी भी किसी ऐसे संगठन के संपर्क में नहीं रहे जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं।