हरियाणा पुलिस की राज्य अपराध शाखा ने पंचकूला की एक गेमिंग कंपनी के साथ साइबर जालसाज द्वारा की गई 30 लाख रूपए की ठगी राेकने से बचाई। जालसाज के बैंक खाते में जमा 30 लाख रुपये पुलिस ने फ्रिज करा पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। इस साल जनवरी जुलाई के बीच साइबर अपराधियों पर लगाम लगाते हुए पुलिस अपराध शाखा ने साइबर ठगी का शिकार हुए लोगों के 11 करोड़ रुपये उनके बैंक खातों में वापस लाने में मदद की। हरियाणा के एडीजीपी-क्राइम, ओपी सिंह ने इस बारे जानकारी देते हुए आउटलुक को बताया कि पंचकूला की एक गेमिंग कंपनी के सीओओ ने हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कर जानकारी दी कि एक एप्लिकेशन यूजर ने उनके साथ 35 लाख रुपये की साइबर ठगी की है। 14 अगस्त को कंपनी की खाता रिपोर्ट तैयार करते समय पता चला कि 11 अगस्त को एक यूजर के वाॅलेट में 35 लाख रुपये अनधिकृत जमा हुए हैं जिसे यूजर द्वारा 12 और 13 अगस्त को अपने वाॅलेट से अपने पर्सनल बैंक खाते में स्थानांतरित किया गया है।
जैसे ही इस ट्रांसक्शन का पता चला, शिकायतकर्ता ने यूजर से बात की, जिसने पैसे देने से इनकार कर दिया और फोन बंद कर दिया। धोखाधड़ी का पता चलने पर पुलिस की साइबर टीम ने कार्रवाई करते हुए तुरंत यूजर के खाते में जमा 30 लाख रुपये फ्रीज कर दिए।
सिंह ने बताया कि इस साल जनवरी में शुरू हुई नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन की पहल को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा में 29 साइबर क्राइम पुलिस थाने स्थापित किए गए हैं। हेल्पलाइन पर प्रतिदिन 600 से अधिक कॉल आ रही हैं। जालसाज साइबर ठगाें से लोगों के 11 करोड़ रुपये बचाने के साथ 459 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
ओपी सिंह, जो स्वयं एक टेक-सैवी अधिकारी हैं और साइबर अपराधों की रोकथाम पर कड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं, ने बताया, “समय के साथ कंप्यूटर, स्मार्टफोन और इंटरनेट के उपयोग में अभूतपूर्व वृद्धि से साइबर धोखाधड़ी में भी तेजी से वृद्धि हुई है। जागरूकता के अभाव में साइबर क्राइम पांव पसार रहा है। इसे देखते हुए हमने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए जागरूकता फैलाने का निर्णय लिया है। जन जागरूकता बढ़ाने के लिए ट्विटर, फेसबुक, कू और इंस्टाग्राम पर मजेदार ट्वीट और पोस्ट किए जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि जनता जागरूक हो और साथ ही बोरियत भी महसूस न करे। एक छात्र सोशल मीडिया से जुड़ा है और एक गृहिणी भी, हम उन्हें घर बैठे जागरूक करना चाहते हैं ताकि साइबर जालसाजों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके”।