हिमाचल स्वास्थ्य विभाग के पूर्व निदेशक अजय कुमार गुप्ता की विजिलेंस से गिरफ्तारी और हाल के एक चर्चित ऑडियो विवाद के बाद बुधवार को इस घटनाक्रम में एक नया मोड़ आ गया, जब हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष राजीव बिंदल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफा इसलिए अहम है क्योंकि हाल में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें पार्टी के एक नेता का नाम कथित तौर पर सामने आया था।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे अपने इस्तीफे में बिंदल ने कहा कि वे नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि उन्हें पक्का भरोसा है कि इस मामले से भाजपा के किसी नेता का कोइ लेना-देना नहीं है। इस्तीफे में बिंदल ने कहा कि अप्रत्यक्ष रूप से इस मामले में भाजपा को जोड़ने की कोशिश हो रही हैं, जबकि मामले से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है।
नड्डा का माना जाता है नजदीकी
बिंदल को नड्डा का नजदीकी माना जाता है। साथ ही उनके मुख्यमंत्री जयराम से भी अच्छे संबंध माने जाते हैं। याद रहे 20 मई को एक मामला उस समय सामने आया था, जब एक ऑडियो वायरल हुआ था। इसमें दो लोगों के बीच बातचीत हो रही है, जिसमें पांच लाख रुपये लेने की बात की जा रही है। साथ ही कहा गया है कि बैंक वाले सहयोग नहीं कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के पूर्व निदेशक पर मामला दर्ज
सतर्कता विभाग ने इस संबंध में मामला दर्ज किया हुआ है। सूबे में इस मामले को बिंदल से जोड़ने के आलावा उन पर आरोपी को संरक्षण देने के आरोप भी लगाए जा रहे थे। लेकिन अब बिंदल ने इन सब बातों को गलत बताया है। नड्डा को भेजे इस्तीफे में राजीव बिंदल ने लिखा कि वायरल ऑडियो से भाजपा का कोई लेना देना नहीं है। बिंदल ने कहा – ”पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच होनी चाहिए और नैतिक मूल्यों के आधार पर वह त्यागपत्र दे रहे हैं। इसके अलावा, बिंदल ने लिखा कि स्वास्थ्य विभाग के निदेशक का कथित ऑडियो वायरल हुआ था। इस मामले में विजिलेंस ने केस दर्ज कर पूर्व निदेशक को गिरफ्तार कर लिया है। मैं पूर्ण विश्वास दिलाता हूं कि पार्टी का इस प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है। भाजपा का दामन पाक साफ है। चूंकि, वह भाजपा के अध्यक्ष हैं और बिना किसी दबाव के जांच हो, इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं।”
हालांकि,बिंदल के इस्तीफे के बाद राज्य की राजनीति गरमा गयी है। वहां भाजपा के तीन मजबूत गुट हैं, जिनके भीतर जंग लगी रहती है। बहुत से जानकारों का कहना है कि यह भाजपा के भीतर लड़ाई का ही नतीजा है। अभी आलाकमान को बिंदल के इस्तीफे पर फैसला करना है।