चंडीगढ़, केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के किसानों द्वारा पिछले एक साल से विरोध प्रदर्शन के बीच मोदी सरकार ने यहां के सिख समुदाय को साधने की कोशिश की है। 19 नवम्बर को श्री गुरुनानक देव जी के जन्मदिवस से पूर्व पाकिस्तान स्थित उनकी कर्मभूमि श्री करतार पुर साहिब के दर्शन के लिए 17 नवम्बर से करतारपुर कॉरिडार खोलने का फैसला किया है। पंजाब में चुनावी माहौल में इस फैसले को अपने-अपने हक में भुनाने के लिए पंजाब प्रदेश भाजपा के नेताओं ने इसे अपने प्रयास बताया है वहीं मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि कॉरिडार खुलवाने की मांग उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह से की थी। इधर पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा की अगुवाई में 14 नवम्बर को मोदी व शाह से मिले भाजपा नेताओं की मांग पर कॉरिडर जल्द खोलने का भरोसा दिलाया गया।
बुधवार से करतारपुर जाने के लिए पंजीकरण शुरू होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। शाह ने ट्वीट किया, "देश 19 नवंबर को गुरु नानक देव का प्रकाश उत्सव मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने के फैसले से पूरे देश में आनंद और उत्साह को और बढ़ावा मिलेगा।'पहले जत्थे में 250 श्रद्धालु पाकिस्तान जाएंगे। 18 नवम्बर को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपने मंत्रीमंडल के साथ करतारपुर के दर्शन के लिए जाएंगे।
करतारपुर साहिब की वीजा फ्री यात्रा के लिए भारत का कोई भी 13 से 75 साल का नागरिक या अप्रवासी भारतीय यात्रा पर जा सकता है। इसके पंजीकरण के लिए करीब 1400 रुपए फीस देनी होगी। करतारपुर साहिब कॉरिडोर का उद्धाटन 9 नवंबर 2019 को के डेरा बाबा नानक में पीएम मोदी ने किया था जबकि पाकिस्तान के नारोवाल जिले के करतारपुर साहिब में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने। मार्च 2020 से करतारपुर कॉरिडोर बंद है। इसे खोले जाने के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की प्रधान बीबी जागीर कौर और अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। इसके बाद पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी डेरा बाबा नानक गए और करतारपुर कॉरिडोर खोलने की अरदास की।