पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान शुक्रवार को मानसा जिले में उनके पैतृक गांव पहुंचे हैं। वहां, सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। आपको बता दें कि राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा कम किए जाने के एक दिन बाद रविवार को युवा रैपर की हत्या कर दी गई थी। इसी वजह से परिजनों और शुभचिंतकों में मान सरकार के खिलाफ आक्रोश है। आज सुबह जब आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायक मूसेवाला के घर पहुंचे तो उन्हें वापस लौटना पड़ा।
मुख्यमंत्री के दौरे से पहले शुक्रवार सुबह सिद्धू मूसेवाला के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। गांव में तनाव का माहौल है। घर के आसपास पुलिस द्वारा की गई नाकेबंदी से स्थानीय लोग आक्रोशित हैं। पुलिस पर परिजनों को घर में घुसने से रोकने का आरोप है। इस बीच सीएम भगवंत मान मूसा गांव पंहुच चुके हैं, जहां वो पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के परिजनों से मुलाकात कर रहे हैं, लेकिन इसी बीच स्थानीय लोग उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच मान यहां पहुंचे हैं।
Mansa | Punjab CM Bhagwant Mann meets the grieving father of singer Sindu Moose Wala at his village pic.twitter.com/SZyK2RDuLM
— ANI (@ANI) June 3, 2022
वहीं, कांग्रेस मूसेवाला की हत्या के लिए सत्तारूढ़ सरकार को दोषी ठहरा रही है और एक केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग कर रही है। यही मांग मूसेवाला के परिवार की भी है।
Mansa | Punjab CM Bhagwant Mann arrives at the residence of singer Sidhu Moose Wala to meet his family pic.twitter.com/5mMWJe29OR
— ANI (@ANI) June 3, 2022
बुधवार को पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह वारिंग के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाकात की थी। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी शोक संतप्त परिवार से नहीं मिलने पर आप पर हमला बोला था। कांग्रेस नेता ने बुधवार को ट्वीट किया, "चार दिन हो गए हैं और एक भी सांसद या सत्ताधारी पार्टी के मंत्री ने सिद्धू मूसेवाला के घर का दौरा नहीं किया है। सीएम भगवंत मान जी आपने कहा था कि हमारी सरकार आम आदमी की होगी। क्या यही है?" इसके बाद गुरुवार को पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा और ग्रामीण विकास मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने मूसेवाला के घर का दौरा किया और उनके पिता से मिलने पर दुख व्यक्त किया।
गुरुवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से उस आदेश को वापस लेने को कहा, जिसमें 400 से अधिक वीआईपी की सुरक्षा वापस ले ली गई थी। बाजवा ने ट्वीट किया, "मैं सभी 424 व्यक्तियों की सुरक्षा बहाल करने के माननीय पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं। अब समय आ गया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान गृह मंत्री का पद छोड़ दें और इसे किसी और सक्षम और पेशेवर व्यक्ति को दें।"