हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने वीरवार को अपने कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 11 जिलों के 32 विधायकों के साथ बैठक की। इस दौरान विधायकों ने अधिकारियों द्वारा उनके फोन नहीं उठाने का मसला उठाया। गुप्ता ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विधायकों से लिखित शिकायत देने को कहा। उन्होंने कहा कि वह ऐसे मामलों पर संज्ञान लेंगे और इन्हें विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के सम्मुख रखा जाएगा। कमेटी दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है।
बैठक दो सत्रों में हुई। इस दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा भी साथ रहे। बैठक में विधानसभा कमेटियों के गठन और उनकी कार्यशैली को प्रभावशाली बनाने के लिए विधायकों से सुझाव मांगे गए। इस दौरान विधायकों ने कमेटियों के गठन पर सुझाव देते हुए अपने क्षेत्र की समस्याएं भी उठाईं। शेष 11 जिलों के विधायकों के साथ बैठक शुक्रवार को होगी।
कोताही पर होगी कड़ी कार्रवाई
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कई विधायकों ने कहा कि अधिकारी लॉकडाउन का बहाना बना कर अक्सर उनका फोन नहीं उठाते। अगर फोन उठा भी लेते हैं तो बताए हुए काम नहीं करते। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अफसरों द्वारा विधायकों के फोन नहीं उठाना गंभीर मामला है। अधिकारियों को यह बात अच्छे से समझनी चाहिए कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में अफसर जनसेवक और विधायक जनप्रतिनिधि हैं। अफसरों को काम बताना जनता के चुने हुए प्रतिनिधि का दायित्व है। उनके इस दायित्व निवर्हन के लिए ही अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। अगर कोई अधिकारी जनप्रतिनिधियों के बताए कार्यों में कोताही बरतता है इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कमेटियों के गठन की प्रक्रिया तेजी से जारी
गुप्ता ने कहा कि कमेटियों के गठन की प्रक्रिया तेजी से जारी है। इस बार विशेषाधिकार समिति का भी गठन किया जाएगा। विधायकों की ओर से आने वाली अफसरों की इस प्रकार की शिकायत को विशेषाधिकार समिति के सामने रखा जाएगा। गौरतलब है कि विशेषाधिकार समिति जनप्रतिधियों के विशेष अधिकारों के हनन के मामले में अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश कर सकती है।
वीडियों कॉन्फ्रेस के दौरान कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने कहा कि कमेटियों की कार्यशैली को प्रभावी बनाने के लिए पुराने और तत्काल महत्व के विषयों का वर्गीकरण कर उन पर काम करना चाहिए। कमेटियों का शिक्षण भी आवश्यक है। उन्होंने कोरोना काल में उनकी ओर से भिवानी, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी में किए सेवा कार्यों का ब्योरा भी दिया। इसके साथ ही कहा कि उनके क्षेत्र के 6 गांवों में सरसों की खरीद का काम शुरू नहीं हो सका।
जल एवं प्राकृतिक संसाधनों पर संसदीय कमेटी बनाने का दिया सुझाव:
वहीं बड़खल से सीमा त्रिखा ने जल एवं प्राकृतिक संसाधनों पर संसदीय कमेटी बनाने सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जल संसाधनों का संरक्षण समय की मांग है। भाजपा विधायक घनश्याम सर्राफ ने कहा कि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समितियों की सिफारियों को अधिकारी गंभीरता से लें और निश्चित समयावधि में उन्हें पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध हों। उन्होंने जल शक्ति पर भी संसदीय समिति के गठन का सुझाव दिया।
हाईकोर्ट में कानून अफसरों की नियुक्ति में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की मांग
रतिया से विधायक लक्ष्मण नापा ने कहा कि अगर कोरोना संकट के कारण चंडीगढ़ में समिति की बैठकें करना संभव नहीं हो पा रही हो तो प्रदेश के किसी अन्य स्थान पर बैठकें शुरू कर लेनी चाहिए। उन्होंने हरियाणा हाईकोर्ट में कानून अफसरों की नियुक्ति में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की मांग भी उठाई।
सोहना से विधायक संजय सिंह ने भी अधिकारियों द्वारा फोन नहीं सुनने का विषय उठाया। बिशंभर वाल्मीकि ने कहा कि संसदीय कमेटियों में जिला स्तरीय अधिकारियों को भी बुलाया जाना चाहिए। ऐसा करने से वे इन कमेटियों की गंभीरता को समझेंगे और अपने कार्य के प्रति और अधिक जवाबदेह होंगे।
नीरज शर्मा ने कहा कि कमेटियां मात्र सैर सपाटा बन कर न रह जाए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सभी ने श्रमिकों का महत्व समझा है। इस वर्ग की समस्याएं भी बढ़ी हैं। इसलिए इस विषय पर भी कमेटी का गठन किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि लॉकडाउन के दौरान सामाजिक दूरी बनाते हुए विधानसभा का सत्र बुलाया जा सकता है। इसके लिए एक तिहाई विधायकों का सदन में तथा शेष को एमएलए हॉस्टल से तकनीकी माध्यमों से जोड़ा जा सकता है।
विधायक वरुण ने कहा कि कमेटियों के काम को प्रभावी बनाने के लिए हर कमेटी की कम से कम एक बैठक विधानसभा अध्यक्ष ने लेनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विधानसभा परिसर में हरियाणा को उसका उचित भाग नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लिए 40 फीसदी परिसर हासिल करने के लिए प्रयास तेज किए जाने चाहिए।
नारनौंद से जजपा विधायक रामकुमार गौत्तम ने अनाज मंडियों में गेहूं खरीद का मसला उठाया। इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा कमेटियों को और असरदार बनाने की बात कही। झज्जर से कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने कहा कि कोरोना संकट से निटपने के लिए भी विधानसभा समिति का गठन किया जाना चाहिए। हांसी से विनोद भ्याणा ने कहा कि समिति की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस से न करवा कर प्रत्यक्ष करवानी चाहिए।
कमेटियों की बैठकों का समय 12 बजे का होना चाहिए
बहादुरगढ़ से विधायक राजेंद्र सिंह जून ने कहा कि कमेटियों की बैठकों का समय 12 बजे का होना चाहिए ताकि विधायक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उसी दिन अपने गृह स्थान को लौट सकें। जींद के विधायक डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने छोटे कामगारों का मसला उठाते हुए कहा कि सब्जी मंडी में सब्जी विक्रेताओं कामकाज की छूट देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समितियों की बैठकों में अधिकारियों की उपस्थिति भी सुनिश्चित करनी चाहिए।
कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में कंटेनमेंट जाेन की अवधि घटाने की मांग
सफीदों से विधायक सुभाष गंगोली ने कहा कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में कंटेनमेंट जाेन की अवधि घटाने की मांग की। गुहला से ईश्वर सिंह ने मांग की कि सीवन और गुहला ब्लॉक को डार्क जाेन से बाहर किया जाए। डार्क जाेन श्रेणी में आने के कारण यहां के किसान धान की फसल नहीं कर पाएंगे, जबकि इस क्षेत्र का यह मुख्य व्यवसाय है। ऐसा होने से यहां बड़ी संख्या में स्थित चावल मिलों पर संकट का साया मंडराने लगा है।
पुंडरी से विधायक रणधीर गोलन ने कोरोना संकट से निटपने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की। जुलाना से अमरजीत सिंह ने कोरोना संकट के बावजूद गेहूं खरीद और उठान पर प्रदेश सरकार की सराहना की।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान अंबाला से विधायक असीम गोयल, कैथल से लीला राम, नयनपाल रावत, सत्यप्रकाश जरावता, शैली चौधरी, राजेश नागर और नरेंद्र गुप्ता ने भी कमेटियों की कार्यशैली को प्रभावशाली बनाने के लिए सुझाव दिए।
बचाव कार्य करते हुए वीसी में शामिल हुए घरौंदा के विधायक
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता की ओर से आयोजित पहली वीडियो कॉन्फ्रेंस को विधायकों ने कितनी गंभीरता से लिया इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता कि एक विधायक राहत और बचाव कार्यों के दौरान ही इसमें शामिल हुए। बात घरौंडा से विधायक हरविंद्र कल्याण की है।
वे अपने हलके के गांव रावर में नहर टूटने से हुए जलभराव के कारण वहां राहत एवं बचाव कार्यों में डटे हुए थे। इसी दौरान विधानसभा अध्यक्ष की वीडियो कॉन्फ्रेंस का समय हो गया। विधायक हरविंद्र कल्याण रावर गांव से ही अपने मोबाइल फोन के माध्यम से इस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। उन्होंने प्रवासी मजूदरों के प्रस्थान को संवेदनशील मामला बताते हुए कहा कि वे इन्हें अतिथि मानकर मजदूरों को रोकने का प्रयास कर रहे हैं।