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आउटलुक हंसा रिसर्च : हरियाणा में मुख्यमंत्री की पहली पसन्द कौन

हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा होते ही सबसे बड़ा मुद्दा यह निकल कर आया कि हरियाणा में...
आउटलुक हंसा रिसर्च : हरियाणा में मुख्यमंत्री की पहली पसन्द कौन

हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा होते ही सबसे बड़ा मुद्दा यह निकल कर आया कि हरियाणा में मुख्यमंत्री की पहली पसंद कौन है?। बीजेपी ने लोकसभा चुनावों के ठीक पहले एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला और मनोहर लाल खट्टर की जगह नायाब सैनी को मुख्यमंत्री का ताज पहनाया। कुछ लोगों ने बीजेपी के इस कदम को ओबीसी समीकरण साधने का मास्टर प्लान बताया। आउटलुक - हंसा रिसर्च ने हरियाणा के तमाम बड़े सवालों पर लोगों से बातचीत की और उनका मिजाज भांपने की कोशिश की। इस सर्वेक्षण में राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्र और अहम इलाकों में कुल 14,670 लोगों से बातचीत की गई।

 

आप हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में किस देखना पसन्द करेंगे ? 

 

आउटलुक हंसा रिसर्च के अनुसार, 43 प्रतिशत पुरुष और 41 प्रतिशत महिलाएं नायाब सैनी को मुख्यमंत्री के रूप में देखना पसन्द करेंगे।आर्थिक और जातिगत, आदि सर्वेक्षण के आधार पर देखा जाए तो कुल 42 प्रतिशत लोग नायाब सैनी को मुख्यमंत्री के रूप में देखना पसन्द करेंगे। बात अगर भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के चेहरे की करें तो 35 प्रतिशत पुरुष और 34 प्रतिशत महिलाएं, उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। आर्थिक और जातिगत, आदि सर्वेक्षण के आधार पर देखा जाए तो कुल 35 प्रतिशत लोग भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। अरविंद केजरीवाल और दुष्यंत चौटाला को लेकर भी आंकड़े दिलचस्प हैं। 5 प्रतिशत पुरुष और 7 प्रतिशत महिलाएं अरविन्द केजरीवाल को हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। वहीं अन्य सर्वेक्षण बताते हैं कि कुल 6 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल हरियाणा के मुख्यमंत्री बनें। आउटलुक - हंसा रिसर्च के अनुसार 3 प्रतिशत पुरुष और 4 प्रतिशत महिलाएं दुष्यंत चौटाला को हरियाणा की कमान संभालते हुए देखना चाहती हैं। अन्य सर्वेक्षण के अनुसार कुल 3 प्रतिशत लोग दुष्यंत चौटाला को हरियाणा की गद्दी सौंपना चाहते हैं। रोचक बात यह है कि 14 प्रतिशत पुरुष और 14 प्रतिशत महिलाएं इन विकल्पों में से किसी को भी मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते।

 

मुख्यमंत्री बनने के बाद नायब सैनी का कामकाज कैसा रहा ? 

नायब सैनी को जब हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया गया तो यह उम्मीद की गई कि वह अपने कामकाज से सभी को प्रभावित करेंगे। आउटलुक - हंसा रिसर्च के अनुसार 27 प्रतिशत पुरुष और 25 प्रतिशत महिलाएं मानती हैं कि नायब सैनी ने मुख्यमंत्री के रूप में शानदार काम किया। अन्य सर्वेक्षण के अनुसार कुल 26 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नायब सैनी का कामकाज शानदार रहा। वहीं दूसरी ओर 20 प्रतिशत पुरुष और 12 प्रतिशत महिलाओं ने नायब सैनी के कामकाज को खराब कहा। इसके अतिरिक्त 6 प्रतिशत पुरुष और 6.3 प्रतिशत महिलाओं ने नायब सैनी के कामकाज को औसत माना।

 

क्या आगामी चुनाव में जाट वोट कांग्रेस और जजपा में बंटेंगे ? 

आउटलुक - हंसा रिसर्च के अनुसार 20 प्रतिशत पुरुष और 16 प्रतिशत महिलाएं मानती हैं कि जाट वोट बहुत हद तक कांग्रेस और जजपा में बंटेंगे। अन्य सर्वेक्षण के अनुसार 18 प्रतिशत लोग यह मानते हैं कि जाट वोट कांग्रेस और जजपा में बंटेंगे। दूसरी ओर 32 प्रतिशत पुरुष और 31 प्रतिशत महिलाएं मानती हैं कि जाट वोट कुछ हद तक कांग्रेस और जजपा में बंटेंगे। अन्य सर्वेक्षण के अनुसार इस बात को कुल 32 प्रतिशत लोग मानते हैं। दिलचस्प बात यह है कि 38 प्रतिशत पुरुष और 28 प्रतिशत महिलाएं ऐसा बिलकुल नहीं मानती कि जाट वोट कांग्रेस और जजपा में बंट सकते हैं। अन्य सर्वेक्षण के अनुसार कुल 34 प्रतिशत लोग इसी बात की पुष्टि करते हैं। इसके अतिरिक्त 10 प्रतिशत पुरुष और 25 प्रतिशत महिलाएं कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं हैं।

 

आगामी विधानसभा चुनावों के अहम मुद्दे क्या हैं ? 

आउटलुक - हंसा रिसर्च के अनुसार 10 प्रतिशत पुरुष और 7 प्रतिशत महिलाएं किसान आंदोलन को अहम मुद्दा मानती हैं। 6 प्रतिशत पुरुष और 4 प्रतिशत महिलाएं, अग्निवीर योजना के तहत सेना से रिटायर होने वालों को पुलिस, खनन विभाग में 10 फीसदी आरक्षण को अहम मुद्दा मानते हैं। 35 प्रतिशत पुरुष और 33 प्रतिशत महिलाओं के लिए बेरोजगारी अहम मुद्दा है जबकि 25 प्रतिशत पुरुष और 42 प्रतिशत महिलाएं महंगाई को बड़ा मुद्दा मानती हैं। 5 प्रतिशत पुरुष और 2 प्रतिशत महिलाएं ऐसा मानती हैं कि गैर जाट चेहरे को बतौर मुख्यमंत्री पेश करना एक बड़ा मुद्दा है। 2 प्रतिशत पुरुष और 2 प्रतिशत महिलाएं हरियाणा खेल विभागों में अस्थिरता को बड़ा मुद्दा मानते हैं।1 प्रतिशत पुरुष और 1 प्रतिशत महिलाएं अन्य मुद्दों को अहम मानती हैं। 6 प्रतिशत पुरुष और 3 प्रतिशत महिलाओं की नजर में ऊपर लिखे कोई भी मुद्दे अहम नहीं हैं।

 

क्या नायब सैनी सरकार की घोषणाएं गेम चेंजर साबित हो सकती हैं ?

आउटलुक - हंसा रिसर्च के अनुसार, 22 प्रतिशत पुरुष और 19 प्रतिशत महिलाएं ऐसा मानती हैं कि ग्राम पंचायतों की खर्च सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर 21 लाख करने की घोषणा गेम चेंजर साबित होगी। वहीं 27 प्रतिशत पुरुष और 31 प्रतिशत महिलाएं मानती हैं कि बिजली उपभोगताओं पर न्यूनतम शुल्क की समाप्ति की घोषणा गेम चेंजर साबित होगी। 28 प्रतिशत पुरुष और 36 प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में किफायती आवास की योजना शुरु करना गेम चेंजर साबित होगा। वहीं 23 प्रतिशत पुरुष और 14 प्रतिशत महिलाएं मानती हैं कि ऊपर लिखी तमाम घोषणाएं गेम चेंजर साबित नहीं होंगी।

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