शिरोमणी अकाली ने दल ने कहा है कि भारतीय किसान यूनियन(लखोवाल) सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला किया है और कहा है कि तीनो कृषि मंडीकरण कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका सभी किसान संगठनों के बीच इस मुददे पर आम सहमति के बाद ही दायर की जानी चाहिए।
शिरोमणी अकाली दल के नेता प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजारा ने कहा कि जहां तक शिरोमणी अकाली दल का सवाल है तो वह यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि पार्टी का बीकेयू(लखोवाल) की ओर से दायर रिट याचिका से कोई लेना-देना नही है।
उन्होने कहा कि अजमेर सिंह लखोवाल ग्रुप ने याचिका दायर करने से पहले अकाली दल से कोई सलाह मशवरा नही किया ।
प्रोफेसर चंदूमाजरा ने जोर देकर कहा कि यह याचिका जल्दी में दायर की गई है इस केस की संवेदनशीलता ध्यान में रखते हुए लखोवाल ग्रुप को पहले संवैधानिक विशेषज्ञों से विचार विमर्श करना चाहिए था तथा पंजाब तथा हरियाणा तथा देश के अन्य भागों की किसान प्रतिनिधियों से मशवरे के लिए मीटिंगें करनी चाहिए थी ताकि जो उनके विचार भी इसमें शामिल हो जाते हैं तो यह सही तरीके से उनका प्रतिनिधित्व किया जा सके।
चंदूमाजरा ने कहा कि जहां तक शिरोमणी अकाली दल का संबंध है इसने पहले ही किसान जत्थेबंदियों तक पहुंच करनी शुरू कर दी है ताकि सभी को एक मंच पर लाया जा सके। उन्होने खुलासा किया िकवे कल मेहम गए थे तथा वहां चौबिसी चबुतरा तथा कई प्रमुख किसान नेताओं के साथ मीटिंग की थी। उन्होने बताया कि शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल द्वारा गठित की गई तीन मैंबरीय कमेटी जिसमें उनके अलावा बलविंदर सिंह भूंदड़ तथा सरदार सिकंदर सिंह मलूका शामिल थे द्वारा शीघ्र ही पंजाब के किसान जत्थेबंदियों के साथ मीटिंग की जाएगी। उन्होने कहा कि हमारी कोशिश है कि किसान जत्थेबंदियों तक पहुंच करके जो भी सहायता उन्हे केंद्र सरकार द्वारा बनाए खेती कानूनों के खिलाफ चाहिए वह दी जा सके।