Advertisement

दुष्यंत चौटाला और रणजीत सिंह के इस्तीफे की मांग लेकर सिरसा में धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया

तीन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ बीते कल 17 संगठनों के आह्वान (अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति...
दुष्यंत चौटाला और रणजीत सिंह के इस्तीफे की मांग लेकर सिरसा में धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया

तीन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ बीते कल 17 संगठनों के आह्वान (अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति सहित सभी संगठन)  पर सिरसा में  हजारों की तादात में इकठ्ठा हुए। उनका कहना कि दुष्यंत चौटाला व रंजीत सिंह किसान व कुर्सी में से एक को चुन लें ! 

सभा के बाद किसानों ने इन नेताओं के घर की तरफ कूच किया। जहां पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोका किसान वहां सड़क पर बैठ गए। एक स्थानीय नेता ने किसान आन्दोलण को बदनाम करने के लिए बैरिकेड तोड़ने का पियास किया। पुलिस ने उस नेता के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय किसानों पर पानी की बौछार व आशु गैस के गोले दागे। एक किसान को उपद्रवी तत्वों की हरकत के चलते सिर में चोट आई। 

  किसानों ने अपने तय कार्यक्रम अनुसार जहां रोका गया वहीं पर पड़ाव डाल दिया। किसान रात भर शांतिपूर्वक वहां डटे रहे।

मगर सुबह पुलिस ने शान्ती से बैठे किसानों को जबरदस्ती हिरासत में ले लिए। जिनमें 17 किसान संगठनों के नेता प्रहलाद भारूखेड़ा, मनदीप नथवान, रमेश बैनीवाल, रमेश पंघाल व जोगिंदर सिंह नैन व अन्य को हिरासत में लिया गया। तुरन्त बाद अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की राष्ट्रीय वर्किंग कमेटी के सदस्य योगेन्द्र यादव सहित अनेक किसानों को हिरासत में लेकर सदर थाने ले जाया गया। उसके बाद कार में कई ड्राइविंग सीट पर बैठे किसान को पुलिस लाठियों से पीटा और कार सहित थाने पहुंचा दिया। 

यही क्रम जारी रहा और लगातार किसान चौक पर पहुंच कर गिरफ्तारी देते रहे !  पांचवे जत्थे में महिला किसान भी शामिल हुई । उसके बाद हिरासत में लिए गए किसानों को डिंग थाने ले जाया गया। 

     किसानों को हिरासत में लिए जाने की खबर आग की तरह फ़ैली और किसानों विभिन जगहों पर सड़कों को रोकना शुरू कर दिया। 

     हिरासत में लिए गए किसान तय कार्यक्रम अनुसार अपने पड़ाव को जारी रखने के ये प्रतिबद्ध हैं। किसान संगठनों के नेताओं ने कहा है कि हमारा पड़ाव जारी रहेगा चाहे पुलिस जितनी बर्बरता करे या गिरफ्तारियां करें। 

     थाने में पुलिस हिरासत में लिए गए किसानों को बैठने की जगह या पानी तक की व्यवस्था नहीं कर रही थी। किसानों से कहा गया कि फॉर्म भर कर चले जाएं तो किसानों ने इनकार कर दिया। उन्होनें कहा कि पहले पुलिस मानवीय अधिकारों व हिरासत में लिए गए किसानों को पानी जैसी जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाये। 

     पुलिस हिरासत में लिए गए किसानों को फोन इस्तेमाल करने वालों से बिना प्रक्रिया के फोन ले रही है। इस पर भी किसानों ने ऐतराज जताया व सुनिश्चित किया कि उचित प्रक्रिया की पालना किये बिना फोन न छीने जाएं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad