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कांग्रेस: तुगलकी फैसलों का खामियाजा

  “वरिष्ठ अनुभवी नेताओं को तरजीह देकर कांग्रेस में नई जान डालने की कवायद भी धराशायी होती दिख रही...
कांग्रेस: तुगलकी फैसलों का खामियाजा

 

“वरिष्ठ अनुभवी नेताओं को तरजीह देकर कांग्रेस में नई जान डालने की कवायद भी धराशायी होती दिख रही है”

वरिष्ठ अनुभवी नेताओं को तरजीह देकर कांग्रेस में नई जान डालने की कवायद भी धराशायी होती दिख रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस आलाकमान ने हरियाणा और इसी साल आखिर में विधानसभा चुनाव वाले हिमाचल प्रदेश में इसी कोशिश के तहत वरिष्ठ अनुभवी नेताओं को आगे किया। लेकिन पंजाब के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कांग्रेस से पांच दशक पुराना नाता तोड़कर पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। यही नहीं, हरियाणा में भी पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के विधायक पुत्र कुलदीप बिश्नोई के जल्द ही भाजपा में शामिल होने की चर्चा है। संगठन में हालिया फेरबदल के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदार रहे बिश्नोई की हाल ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से चंडीगढ़ निवास में घंटे भर की मुलाकात हुई है।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, “पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर संतुलन नहीं दिखता है। इस वजह से कांग्रेस में जान पड़ने की गुजांइश बहुत कम है। हरियाणा और हिमाचल में सोनिया गांधी ने वरिष्ठ अनुभवी नेताओं को पार्टी से जोड़े रखने का संदेश दिया है लेकिन पंजाब में सुनील जाखड़ के पार्टी छोड़ने से साफ संकेत है कि राहुल पुराने अनुभवी नेताओं को पार्टी में बनाए रखने में गंभीर नहीं हैं।”

सुनील जाखड़ जुलाई 2021 से ही कांग्रेस आलाकमान से उखड़े हुए थे, जब उन्हें हटाकर नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। फिर, जाखड़ वह रेस भी हार गए जब कैप्टन अमरिंदर सिंह के बदले जाखड़ का नाम मुख्यमंत्री के लिए तेजी से चला मगर आखिरी वक्त में दलित चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी को बतौर मास्टर स्ट्रोक कमान सौंप दी गई। जाखड़ को गैर-सिख चेहरा बताकर आलाकमान की करीबी अंबिका सोनी ने उन्हें पीछे कर दिया गया। आखिर में जाखड़ ने फरवरी 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। विधानसभा चुनावों में पार्टी की बड़ी हार के बाद नवजोत सिद्धू के बदले राहुल गांधी ने अपने करीबी अमरिंदर राजा वडिंग को अध्यक्ष पद की कमान सौंप दी। इससे जाखड़ पार्टी में और हाशिए पर चले गए। यही नहीं, अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी होने के बाद जाखड़ ने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया।

जाखड़ ने आउटलुक से कहा, “2017 में 77 सीटों के दम पर बड़े बहुमत की सरकार बनाने वाली कांग्रेस के पंजाब में खात्मे के पीछे कथित आलाकमान है। आज पंजाब में कांग्रेस का कोई नामलेवा नहीं है।”

जाखड़ के भाजपा में शामिल होने को पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदंर सिंह ने ‘सही पार्टी में सही आदमी’ बताया। उन्होंने आउटलुक से कहा, “आने वाले दिनों में कांग्रेस की डूबती जहाज से कई और बड़े नेताओं का छोड़ने का सिलसिला जारी रहेगा। पंजाब की तरह उत्तराखंड, यूपी और अन्य राज्यों में भी कांग्रेस तबाही की ओर बढ़ रही है।”

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