चंडीगढ़, पंजाब के सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अरुणा चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस साल विभिन्न विभागों में निकाले जाने वाले 50 हज़ार पदों में से दिग्यांगजनों के बनते 4 प्रतिशत आरक्षित कोटे के मुताबिक 2 हज़ार पदों पर दिव्यांग व्यक्तियों की भर्ती सुनिश्चित की जाएगी।
मंगलवार को पंजाब भवन में स्टेट एडवाइजरी बोर्ड (दिव्यांगजन) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए चौधरी ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने समाज के हरेक वर्ग के कल्याण के लिए अपनी प्रतिबद्धता के अंतर्गत पहले ही सामाजिक सुरक्षा पैंशनें 750 से बढ़ाकर 1500 रुपए कर दी है, जो 1 जुलाई से दिव्यांगजन और अन्य लाभार्थियों को मिलेगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस साल राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों में 50 हज़ार के करीब पद निकाले जाएंगे, जिनमें दिव्यांगजनों का बनता 4 प्रतिशत कोटा भरा जाएगा।
कैबिनेट मंत्री ने आदेश दिया कि पैरा-प्लेयर्स के लिए 35 एकड़ में बनने वाले स्टेडियम के लिए ज़मीन को जल्द चिन्हित किया जाए, जिससे स्टेडियम का निर्माण जल्दी करवाया जा सके। विभिन्न विभागों द्वारा दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए चलाईं जा रही स्कीमों की प्रगति का जायज़ा लेते हुए चौधरी ने आदेश दिया कि पार्कों, बस अड्डों और बसों में दिव्यांग व्यक्तियों और दिव्यांग बच्चों की सुविधा का प्रबंध यकीनी हो और इस सम्बन्धी जल्द ही समीक्षा करके रिपोर्ट सौंपी जाए, जिससे जहाँ ऐसी सुविधाओं की कमी है, वहां इनका प्रबंध करवाया जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी हिदायत की कि कोविड के कारण इस संसार से जाने वालों के परिवारों को वित्तीय सहायता के केस जल्द से जल्द बनाकर भेजे जाएँ, जिससे आर्थिक मदद जल्द दी जा सके।
सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री ने शिक्षा, खेल, परिवहन और अन्य विभागों के अधिकारियों को कहा कि वह अपने विभागों द्वारा दिव्यांग व्यक्तियों के लिए चलाए जा रहे प्रोग्रामों और स्कीमों की बाकायदा नियमित रूप से समीक्षा करते रहने और अगर कोई कमी सामने आती है तो उसकी जानकारी सामाजिक सुरक्षा विभाग के साथ साझी की जाए। उन्होंने विभागों से दिव्यांगजनें के लिए बन रहे अलग-अलग तरह के कार्डों (सर्व शिक्षा अभियान के कार्ड और जोब् कार्ड) के डिजीटलाईजेशन के काम में तेज़ी लाने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि सामाजिक सुरक्षा विभाग ने अब तक कुल 3,54,478 अजिऱ्याँ यू.डी.आई.डी. कार्डों के लिए आईं, जिनमें से 2,11,848 कार्ड बन गए हैं।