पंजाब कांग्रेस में चल रही कलह के बीच नवजोत सिद्धू दो दिन से दिल्ली में डेरा डाले हैं। वहीं सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने गुरुवार दोपहर अपने समर्थक नेताओं को लंच पर बुलाया। इसे एक तरह से कैप्टन के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है।
पंजाब कांग्रेस के सभी विवाद जुलाई के पहले हफ्ते में समाप्त कर दिए जाने के पार्टी हाईकमान के ऐलान के बाद प्रदेश कांग्रेस के अंदरखाते में खलबली मची हुई है। खासतौर पर कैप्टन खेमा पिछले हफ्ते से काफी चिंता में दिखाई दे रहा है, जब से कैप्टन तीन सदस्यीय कमेटी से नई दिल्ली में बातचीत करके लौटे हैं। कमेटी ने उन्हें जो भी फैसला सुनाया है, उससे खफा होकर कैप्टन सोनिया और राहुल से मिले बिना ही पंजाब लौट आए हैं।
कैप्टन के करीबी ने जो संकेत दिए हैं, उससे साफ हो गया है कि हाईकमान नवजोत सिंह सिद्धू को किसी भी कीमत पर पार्टी से अलग करने को तैयार नहीं है। सिद्धू की नाराजगी दूर करने के लिए प्रदेश कांग्रेस व सरकार में उन्हें सम्मानजनक स्थान देने की तैयारी हो चुकी है। वहीं सिद्धू भी इन दिनों बदले-बदले नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपने तीखे ट्वीटों का मुंह कैप्टन की तरफ से मोड़कर प्रदेश सरकार के अफसरों की तरफ कर दिया है। इस तरह पहला हमला उन्होंने प्रदेश के डीजीपी पर किया है। वहीं अपनी अंदरूनी लड़ाई में व्यस्त पंजाब कांग्रेस यह भूल गई कि उसे 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी भी करनी है। पार्टी की इसी अंदरूनी व्यस्तता का फायदा उठाते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कन्वीनर अरविंद केजरीवाल मंगलवार को पंजाब में अपनी पार्टी का चुनावी बिगुल फूंक गए।