केंद्र के कृषि विधेयकों के विरोध मेें रेलवे ट्रैक पर डटे किसानाें ने पंजाब में काेरोना महामारी के लॉकडाउन जैसे हालात बना दिए हैं। कोयले की आपूर्ति ठप होने से पंजाब पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को रोजाना 5 से 8 करोड़ रुपए की बिजली पावर ट्रेडिंग एक्सचेंज से खरीदनी पड़ रही है। पट्रोल पंपों के बाद रिलायंस स्टोर्स के बाहर किसानों के धरने के चलते रिलायंस के तमाम 200 से अधिक स्टोर्स में रिलायंस मेगा मार्ट,फ्रेश,ट्ेंड व ज्वैल्स स्टोर पर पिछले दो दिनों से ताले जड़े हैं। केंद्र के कृषि विधेयकों में कांट्रेक्ट फार्मिंग और एपीएमसी मंडियां खत्म किए जाने की आंशका के बीच आंदोलनरत किसानों ने कॉरपाेरेट घरानों अंबानी और अडानी का बाॅयकाट कर दिया है। स्टोर्स के बाहर धरने पर बैठे किसानों ने रिलायंस के बहिष्कार के बैनर्स लगाए हैं। किसानांे के बहिष्कार के डर से रिलायंस ने दिवाली जैसे त्योहारी सीजन में भी अपने स्टोर्स बंद करने का फैसला लिया।
इधर लुधियाना,जालंधर व अमृतसर की औद्योगिक इकाइयों मंे रेल के जरिए होने वाली माल की आवा-जाही पिछले एक महीने से ठप होने के कारण करोड़ों का नुकसान हो रहा है। कोराेना महामारी के चलते पहले करीब 6 महीनें तक करीब ठप कारोबार से यहां के उद्योग धंधे उभरे नहीं थे अब पिछले एक महीने से किसान आंदोलन के कारण राज्य में लॉकडाउन के हालात हैं। राज्य सरकार किसानांे का धरना उठाने में विफल रही है।
केंद्र के कृषि विधेयकों की काट में पंजाब सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए बिलांे को अभी तक राज्यपाल से मंजूरी नहीं मिली है। इसके लिए 4 नवम्बर को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने मंत्रीमंडल,सांसदों और विधायकों के साथ राष्ट्रपति से मिलेंगे। विपक्षी दलों के सांसदों और विधायकों को भी साथ जाने का आहवान किया है। इस बीच ज्यादातर किसान संगठनों ने िसयासी दलों से दूरी बना ली है। गुरुवार को पंजाब सरकार के तीन मंत्रियों से बैठक के बावजूद किसानांे का रेल ट्रैक्स से धरने हटाने का गतिरोध दूर नहीं हो पाया है। भारतीय किसान यूनियन(उगरांह)के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां के मुताबिक पंजाब के कृषि विधेयकों का कोई अर्थ नहीं है जब तक केंद्र सरकार अपने विधेयक वापस नहीं ले लेती और किसानांे को एमएसपी आश्वस्त नहीं करती।
केंद्र के कृषि विधेयकों की काट में पंजाब के प्रस्तावित कृषि विधेयकों के विरोध में आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष भगवंत मान ने कहा कैप्टन का सियासी ड्रॉमा दो दिन से अधिक नहीं टिक पाया पर किसान अपनी मांगों को लेकर तब तक रेलवे लाइंस और धरनों पर टिके हैं जब तक कोई हल नहीं निकलता। शिरोमणी अकाली दल के प्रवक्ता एंव पूर्व शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने कहा खेती बाड़ी छोड़कर किसान िपछले एक महीने से आंदोलनरत है पंजाब सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर पा रही है।