हिमाचल प्रदेश में बुधवार को एक और दुखद दुर्घटना हुई, जब भयानक भूस्खलन ने एचआरटीसी की चलती बस को अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें लगभग 30 से 35 यात्री सवार थे। अब तक दस व्यक्ति की मौत हो चुकी है। इस दुर्घटना की चपेट में आने से बचे चालक ने किन्नौर में जिला अधिकारियों को दुर्घटना के बारे में सूचित किया। अब तक दस लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। जबकि 13 लोग घायल हो गए हैं। रेस्क्यू कार्य जारी है।
डिप्टी कमिश्नर आबिद हुसैन सादिक ने बताया था कि मलबे में 40 से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है। हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने घटना के बाद मीडिया को संबोधित किया और दुर्घटना की पुष्टि की। एक महीने से भी कम समय में किन्नौर में भूस्खलन की यह दूसरी बड़ी घटना है।
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एएनआई के मुताबिक, किन्नौर के रिकांग पियो-शिमला राजमार्ग पर भूस्खलन के मलबे में फंसे हुए लोगों को आईटीबीपी के जवानों द्वारा बचाया जा रहा है। राज्य सरकार के अनुसार 9 लोगों को बचा लिया गया है और एक व्यक्ति की मौत हो गई है। सर्च ऑपरेशन जारी है। वहीं, स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर का कहना है कि प्रदेश के किन्नौर में भूस्खलन स्थल से कुल 10 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है और दो लोगों की मौत हो गई है।
राज्य आपदा प्रबंधन बल के निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि बचाव अभियान के शुरुआती घंटों के दौरान घायल अवस्था में कम से कम नौ लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया।
किन्नौर जिला के जनसंपर्क अधिकारी (डीपीआरओ) नरिंदर शर्मा ने कहा, "यह दृश्य वास्तव में एक लंबे समय के बाद इस स्थल पर हो रही आपदा में हुई त्रासदी और मानव क्षति के पैमाने को दर्शाता है। निगुलसारी को एक महत्वपूर्ण दुर्घटना संभावित क्षेत्र माना जाता है"।
रिपोर्टों के अनुसार, पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से बात करने के बाद बचाव के लिए सेना के दो हेलीकॉप्टरों की मांग की गई है।
सादिक ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बस समेत कई वाहन मलबे में दब गए हैं, जिसमें 40 से अधिक यात्री सवार हैं। उन्होंने बताया कि बस किन्नौर के रिकांग पियो से शिमला जा रही थी।
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किन्नौर के उपायुक्त ने बताया कि सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय बचाव दल को बचाव कार्य के लिए बुलाया गया है। सादिक ने यह भी कहा कि पत्थर अब भी गिर रहे हैं जिससे बचाव अभियान चलाने में समस्या आ रही है।
घटना किन्नौर के निगुलसारी के पास एनएच-5 पर हुई। कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेष सचिव सुदेश मोख्ता ने कहा कि छह लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है और उन्हें बहावलनगर के स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इससे पहले भी किन्नौर जिले में भूस्खलन की चपेट में आने से नौ लोगों की मौत हो गई थी, वहीं तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। ये हादसा किन्नौर जिले गुंसा के पास चट्टानें गिरने के कारण छितकुल से सांगला की ओर जा रही पर्यटकों की गाड़ी भूस्खलन की चपेट में आ गई थी। गाड़ी पर पत्थर गिरने से दिल्ली एनसीआर के नौ पर्यटकों की जान चली गई थी। इतना ही नहीं किन्नौर की संगल घाटी में बटसेरी पुल ढह गया।