कांग्रेस नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस में व्यापक फेरबदल करते हुए प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। उनके साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाये गये हैं। माना जा रहा है कि एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत रामेश्वर उरांव को प्रदेश अध्यक्ष से हटाया गया है। वे हेमंत सरकार में वित्त मंत्री हैं। लंबे समय से प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पार्टी में खींचतान चल रही थी।
यह पहला मौका है जब किसी गैर सांसद, विधायक या गैर पूर्व सांसद, पूर्व विधायक को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई हो। वहीं मांडर से विधायक आदिवासियों के दबंग नेता के रूप में पहचान रखने वाले बंधु तिर्की को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। हालांकि विधानसभा में इन्हें कांग्रेस विधायक की मान्यता तक नहीं है। बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा से जीत कर आये प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हो गये थे जबकि बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया था। सदन में तीनों की सदस्यता को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के कोर्ट में अभी सुनवाई चल ही रही है। इसी बीच कांग्रेस ने बंधु तिर्की को कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी। अन्य कार्यकारी अध्यक्ष में कोल्हान में दखल रखने वाली गीता कोड़ा हैं तो धनबाद से आने वाले कोयलांचल में दबंग की पहचान रखने वाले जलेश्वर महतो हैं। वहीं फुर्कान अंसारी का पत्ता काटकर राज्यसभा का चुनाव लड़ने वाले सहजादा अनवर को भी कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया है।
फुरकान अंसारी चार दशक से कांग्रेस से जुड़े हैं, सांसद-विधायक भी रहे। उनके पुत्र डॉ इरफान अंसारी कार्यकारी अध्यक्ष रहे। माना जा रहा है कि शहजादा अनवर को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर अंसारी कुनबे का आइना दिखाया गया है। अभी सरकार गिराने की साजिश प्रकरण में इरफान अंसारी चर्चा में थे। अपने मनोनयन पर शहजादा अनवर ने कांग्रेस नेतृत्व और प्रदेश प्रभारी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि कांग्रेस में एक छोटे से कार्यकर्ता की भी पूछ होती है। पूरी टीम मिलकर अब मजबूती से काम करेगी।